झारखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे: मोरहाबादी में भव्य समारोह, राजधानी भर में कड़े सुरक्षा इंतज़ाम और सांस्कृतिक रंगों की धूम….

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रांची: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आज पूरा राज्य उत्सव की उमंग में डूबा रहा। 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर बनी झारखंड ने आज अपने गठन के 25 वर्ष यानी ढाई दशक पूरे कर लिए हैं। इस खास दिन को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में भव्य समारोह के साथ मनाया जा रहा है। मैदान को झारखंड की कला, संस्कृति, इतिहास और विकास यात्रा को केंद्र में रखते हुए बेहद आकर्षक अंदाज में सजाया गया है। मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। दोपहर एक बजे तक पूरे दर्शक दीर्घा की व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद औपचारिक कार्यक्रम आरंभ होंगे। विशाल प्रदर्शनी में राज्य की जनजातीय परंपरा, लोक कला, संस्कृति, प्राकृतिक संसाधन और विभिन्न विकास योजनाओं को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

झारखंड राज्य गठन की कहानी भी उतनी ही ऐतिहासिक है। 2 अगस्त 2000 को संसद ने बिहार पुनर्गठन विधेयक पारित किया और 15 नवंबर 2000 को बिहार के 18 जिलों को अलग कर झारखंड राज्य का गठन हुआ। झारखंड देश का 28वां राज्य बना और ‘झार’ यानी जंगल तथा ‘खंड’ यानी भूमि से बना इसका नाम राज्य की पहचान और प्रकृति दोनों को दर्शाता है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन राज्य गठन होने को झारखंडवासी एक ऐतिहासिक उपहार मानते हैं। 25 वर्षों में राज्य ने जहां राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे, वहीं कई नई उपलब्धियाँ भी हासिल की हैं, जिसने झारखंड को नई दिशा दी है।

स्थापना दिवस के अवसर पर रांची शहर की दीवारों को खूबसूरत वॉल पेंटिंग्स से सजाया गया है। शहर की विभिन्न दीवारों पर सोहराय, खोवादाई, आदिवासी जीवन शैली, लोकनृत्य, वन्यजीवन और पारंपरिक प्रतीकों को जीवंत रूप में उकेरा गया है, जिन्हें देखकर राहगीर भी मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। पूरा शहर झारखंडी रंग में सराबोर नजर आ रहा है। राजधानी में सुरक्षा को लेकर भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कुल दस हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें दो हजार अधिकारी और आठ हजार जवान शामिल हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक बड़े वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा, जबकि सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक छोटे-बड़े मालवाहक वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा। सुबह दस बजे से रात नौ बजे तक ई-रिक्शा का संचालन पूरी तरह रोका गया है। शहर के कई मार्गों पर वाहनों का प्रवेश केवल कार्यक्रम में शामिल होने वालों या आकस्मिक सेवाओं के लिए ही अनुमति प्राप्त होगी। बूटी मोड़ से रिम्स, करमटोली चौक, एसएसपी आवास चौक और रणधीर वर्मा चौक तक कई मार्ग सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक बंद रहेंगे। इसी प्रकार रेलवे स्टेशन से मुंडा चौक तक भी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है।

कार्यक्रम स्थल पर पार्किंग की अलग-अलग व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री और वीवीआईपी वाहनों के लिए मुख्य मंच के पीछे विशेष पार्किंग बनाई गई है। वीआईपी और अधिकारियों के वाहन नीलांबर-पीतांबर, यानी ऑक्सीजन पार्क के पास पार्क किए जाएंगे। मीडिया प्रतिनिधियों के लिए हॉकी स्टेडियम के समीप आर्मी ग्राउंड के पास पार्किंग निर्धारित की गई है, जबकि विभिन्न जिलों से आने वाले लाभुकों के वाहनों को आर्मी मैदान में खड़ा किया जाएगा। राजधानी में सुरक्षा, व्यवस्थाओं और सांस्कृतिक झलकियों के बीच झारखंड स्थापना दिवस का यह 25वां समारोह अपने आप में ऐतिहासिक और यादगार बन गया है, जो राज्य की पहचान, संघर्ष, उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं को एक साथ प्रस्तुत कर रहा है।

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