रांची: झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष श्री प्रणव वर्मा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यसभा सांसद महुआ माजी की उपस्थिति में श्री वर्मा ने जेएमएम की सदस्यता ग्रहण की।
यह कदम राज्य की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। प्रणव वर्मा का झारखंड भाजपा में एक अहम स्थान रहा है, और उनकी पहचान पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती है। उनके इस फैसले से झारखंड में आने वाले चुनावों पर असर पड़ने की संभावना है, खासकर बीजेपी के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि श्री वर्मा जैसे अनुभवी नेताओं का जेएमएम में शामिल होना पार्टी के लिए सौभाग्य की बात है। वहीं, महुआ माजी ने भी इसे राज्य के विकास और जनता की भलाई के लिए एक सकारात्मक कदम बताया।
प्रणव वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने जनता की सेवा और राज्य के विकास के उद्देश्य से यह फैसला लिया है। उन्होंने भरोसा जताया कि जेएमएम के साथ मिलकर वे राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करेंगे।
वर्मा ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, “सादर सूचित करना है कि मैं प्रणव कुमार वर्मा, भारतीय जनता पार्टी के सभी दायित्वों एवं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूँ।” वर्मा ने अपने इस्तीफे की कोई विशेष वजह नहीं बताई, लेकिन इस फैसले को लेकर झारखंड की राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।