झारखंड में आलू की बढ़ती कीमतों और पश्चिम बंगाल से आपूर्ति पर रोक के कारण उत्पन्न समस्या को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीर संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को निर्देश दिया है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप..
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से बातचीत की है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, इस मामले में जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी, जो दोनों राज्यों के बीच उपजे विवाद का समाधान निकालेगी। राज्य सरकार का यह कदम किसानों और व्यापारियों को राहत पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
पश्चिम बंगाल सरकार का फैसला
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से अन्य राज्यों में आलू के निर्यात पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस निर्णय के बाद पश्चिम बंगाल की सीमा से आलू के ट्रक झारखंड नहीं आ पा रहे हैं। इसका सीधा असर झारखंड के बाजारों पर पड़ा है, जहां आलू की कीमतें प्रति किलो 5 से 10 रुपये तक बढ़ गई हैं।
झारखंड में बढ़ते दाम और राजनीतिक हलचल
आलू की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण झारखंड में राजनीति भी तेज हो गई है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को जहां इस समस्या से जूझना पड़ रहा है, वहीं विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
किसानों और व्यापारियों को राहत की उम्मीद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद किसानों और व्यापारियों को इस समस्या से जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। समिति के गठन और दोनों राज्यों के बीच संवाद से इस विवाद का समाधान निकलने की संभावना प्रबल हो गई है।