क्विक कॉमर्स सेक्टर की अग्रणी कंपनी Zepto ने वित्त वर्ष 2024 का डेटा जारी किया है, जिसमें कंपनी के रेवेन्यू में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। Zepto का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023 में 2,026 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में 120% की वृद्धि के साथ 4,455 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
10 मिनट की डिलीवरी का कमाल
कंपनी के मुताबिक, इस जबरदस्त ग्रोथ का मुख्य कारण ग्राहकों को 10 मिनट में डिलीवरी की सुविधा देना है। यही नहीं, रेवेन्यू में वृद्धि के साथ कंपनी ने अपने घाटे को भी कम किया है। वित्त वर्ष 2024 में Zepto का शुद्ध घाटा 2% घटकर 1,248.64 करोड़ रुपये रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 1,271.84 करोड़ रुपये था।
घाटे का प्रतिशत भी बेहतर हुआ है। रेवेन्यू प्रतिशत के हिसाब से वित्त वर्ष 2023 में यह घाटा 63% था, जो वित्त वर्ष 2024 में घटकर 28% पर आ गया। हालांकि, इस दौरान कंपनी के मार्केटिंग और ऑपरेशनल खर्च भी बढ़े। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का खर्च 3,350 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 5,747 करोड़ रुपये हो गया।
कैसे शुरू हुआ Zepto?
Zepto की शुरुआत दो दोस्तों कैवल्य वोहरा और आदित पालिचा ने अप्रैल 2021 में की थी। दोनों ने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई छोड़कर अपने बिजनेस आइडिया पर काम करने का फैसला किया। मुंबई लौटने के बाद उन्हें यह आइडिया आया कि अगर 10 मिनट में फूड डिलीवरी हो सकती है, तो ग्रॉसरी डिलीवरी क्यों नहीं? इसके बाद उन्होंने Zepto नाम से एक वेब प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जो आज देशभर में क्विक कॉमर्स का बड़ा नाम बन चुका है।
2023 में बनी थी यूनिकॉर्न
तेजी से बढ़ते बिजनेस और शानदार मार्केटिंग की बदौलत Zepto ने 2023 में यूनिकॉर्न कंपनी का दर्जा हासिल किया। यह साल 2023 में यूनिकॉर्न बनने वाली पहली कंपनी थी। आज Zepto की मार्केट वैल्यू 5 अरब डॉलर (लगभग 41,965 करोड़ रुपये) से अधिक हो चुकी है, और यह भारत की प्रमुख क्विक कॉमर्स कंपनियों में शामिल है।
फ्यूचर में Zepto की प्लानिंग
कंपनी आने वाले समय में अपनी सर्विस को और बेहतर करने और अधिक शहरों तक विस्तार करने की योजना बना रही है। साथ ही, Zepto का लक्ष्य प्रॉफिटेबल बनने पर है, जिसके लिए वह अपने ऑपरेशनल मॉडल में सुधार कर रही है।