झारखंड सरकार ने राज्य के आंदोलनकारियों के लिए पेंशन राशि में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। अब आंदोलनकारियों को प्रतिमाह 10,000 रुपये की समान पेंशन दी जाएगी। इसके साथ ही, आंदोलनकारियों की पेंशन व्यवस्था में सुधार करते हुए श्रेणियों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है।
अब तक आंदोलनकारियों को जेल में बिताए गए समय के आधार पर तीन श्रेणियों में पेंशन दी जा रही थी।
1. तीन माह तक जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को 3,500 रुपये।
2. छह माह तक जेल में रहने वालों को 5,000 रुपये।
3. छह माह से अधिक समय तक जेल में रहने वालों को 7,000 रुपये।
जिन आंदोलनकारियों ने जेल नहीं देखी, लेकिन आंदोलन में भाग लिया, उन्हें केवल प्रशस्ति पत्र और सम्मान दिया जाता था। अब सरकार ने ऐसे आंदोलनकारियों के लिए भी कदम उठाते हुए प्रशस्ति पत्र के साथ 1,000 से 1,500 रुपये प्रतिमाह की राशि देने का प्रावधान किया है।
आंदोलनकारियों को मिलेगा सम्मान और आर्थिक सुरक्षा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम आंदोलनकारियों को समान रूप से सम्मान देने और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब तक राज्य में लगभग 40,000 आंदोलनकारियों की पहचान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री के पास फाइल भेजी गई
आंदोलनकारियों को समान पेंशन देने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए गृह विभाग ने फाइल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास भेज दी है। गृह मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की सहमति के बाद यह फाइल कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। इसके बाद गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित अधिसूचना जारी होगी।
समाज में नई उम्मीदों का संचार
इस फैसले से झारखंड आंदोलन में भाग लेने वाले हर वर्ग को आर्थिक सहयोग मिलेगा और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगा। सरकार की इस पहल से झारखंड के आंदोलनकारियों को उनके बलिदान और संघर्ष का वास्तविक सम्मान मिलेगा।
मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।