आखिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भीमराव अंबेडकर पर अपने भाषण में क्या कह दिया जिसको लेकर ,देश भर में हो रहे सियासी संग्राम,पढ़े इस ख़बर में…

Abhimanyu Kumar
3 Min Read
डॉ.भीमराव अंबेडकर
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव आंबेडकर पर दिए बयान से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह की टिप्पणी को आंबेडकर का अपमान करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शाह को बर्खास्त करने की मांग की है। दूसरी ओर, अमित शाह ने कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया और आंबेडकर के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराया।

खड़गे ने की शाह की बर्खास्तगी की मांग

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में तीखे शब्दों में कहा,

“प्रधानमंत्री मोदी से मेरा सीधा सवाल है: अगर आपके दिल में बाबा साहेब आंबेडकर के प्रति जरा भी सम्मान है, तो अमित शाह को तुरंत बर्खास्त करें। उनका बयान न केवल आंबेडकर का अपमान है, बल्कि यह भाजपा के दलित-विरोधी चेहरे को उजागर करता है।”

 

खड़गे ने शाह के बयान को संवैधानिक मूल्यों और आंबेडकर के योगदान के खिलाफ बताते हुए भाजपा पर आंबेडकर की विरासत को कमजोर करने का आरोप लगाया।

 

शाह का पलटवार: कांग्रेस कर रही है तथ्य तोड़ने का काम

 

अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा,

“कांग्रेस पार्टी ने कल से जिस तरह से मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया है, वह बेहद निंदनीय है। मैं उस पार्टी से आता हूं जो कभी आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती। भाजपा ने हमेशा बाबा साहेब के सिद्धांतों का सम्मान किया और उनके विचारों का प्रचार-प्रसार किया है।”

 

शाह ने कांग्रेस पर आंबेडकर को चुनाव हराने और भारत रत्न न देने का आरोप भी दोहराया। उन्होंने कहा, “नेहरू और कांग्रेस का आंबेडकर के प्रति रवैया इतिहास में दर्ज है। कांग्रेस के पास बाबा साहेब के प्रति ईमानदारी का दावा करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”

क्या है विवाद की जड़?

मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा था,

“अभी एक फैशन हो गया है… आंबेडकर-आंबेडकर, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”

इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और इसे आंबेडकर का अपमान करार दिया।


आंबेडकर मुद्दे पर छिड़ा घमासान ‘धक्का-मुक्की’ तक पहुंचा, कांग्रेस और बीजेपी.

राजनीतिक सियासत गरमाई

इस बयान पर जहां कांग्रेस ने इसे भाजपा के दलित-विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस की “राजनीतिक नौटंकी” करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शाह का बचाव करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा,

“अमित शाह ने कांग्रेस के आंबेडकर-विरोधी इतिहास को उजागर किया है।”

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