रांची: झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जैसे-जैसे लाभुकों का सत्यापन कार्य आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अपात्र लाभ लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। जांच में पाया गया कि सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों और बेटियों के खातों में भी इस योजना की राशि भेजी गई थी। इसके अलावा, कई पारा टीचर, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने भी योजना का लाभ लिया, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं थे।
रांची, बोकारो, गढ़वा, पलामू और गिरिडीह सहित राज्य के कई जिलों में इस योजना के तहत गड़बड़ियां पाई गई हैं। खासतौर पर डुप्लीकेसी के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जहां एक ही व्यक्ति को कई बार योजना का लाभ दिया गया या फिर ऐसे लोग लाभ ले रहे थे, जो पहले से ही किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना से जुड़े हुए थे।
सत्यापन के बाद 60 हजार नाम हटाए गए
सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा 6 दिसंबर को पहली किस्त जारी की गई थी। लेकिन बड़ी संख्या में अपात्र लाभुकों के नाम सामने आने के बाद सरकार ने जनवरी माह की किस्त रोक दी। अब सरकार की मंशा है कि सभी लाभुकों की पुनः जांच के बाद ही सही पात्रों के खातों में राशि भेजी जाए।
अब तक हुए सत्यापन में 60 हजार अपात्र लाभुकों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जबकि 15 हजार नामों को होल्ड पर रखा गया है। होल्ड किए गए मामलों की पुनः जमीनी स्तर पर जांच की जाएगी और यदि वे भी अपात्र पाए जाते हैं, तो उन्हें भी सूची से बाहर कर दिया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
सरकारी नियमों के अनुसार, मंईयां सम्मान योजना का लाभ केवल गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को मिलना चाहिए। लेकिन जांच में सामने आया कि कई सरकारी कर्मचारियों ने भी इस योजना के तहत पैसे लिए। प्रशासन अब ऐसे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। सत्यापन के बाद गलत तरीके से ली गई राशि को सूद समेत वापस लिया जाएगा और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रांची जिले में अब तक 12 हजार से अधिक डुप्लीकेसी के मामले पकड़े गए हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं, जो पहले से किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रहे थे या जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी वेतनभोगी था, जिससे वे इस योजना के लिए पात्र नहीं थे।
20 फरवरी तक पूरा होगा सत्यापन कार्य
सामाजिक सुरक्षा विभाग ने 20 फरवरी तक पूरे राज्य में लाभुकों का सत्यापन कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों (BDO) को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें और इसमें कोई लापरवाही न बरतें। सत्यापन प्रक्रिया के कारण ऑफलाइन आवेदनों की गति धीमी हो गई है, लेकिन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नए आवेदनों की सूक्ष्मता से जांच की जाए, ताकि आगे कोई गड़बड़ी न हो।
रातू में पकड़ा गया कंप्यूटर ऑपरेटर
रांची के रातू प्रखंड में एक कंप्यूटर ऑपरेटर को पकड़ा गया है, जिसने नियमों का उल्लंघन कर अपात्र लोगों के नाम लाभुकों की सूची में जोड़ दिए थे। जांच के दौरान पता चला कि पहली किस्त का पैसा गलत तरीके से कुछ खातों में भेजा गया था। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उस ऑपरेटर से पूरी राशि वापस वसूल कर ली।
सरकार ने दिए सख्त निर्देश
रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि वे सत्यापन कार्य में पूरी सख्ती बरतें और इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखें। प्रशासन इस योजना को लेकर बेहद सतर्क हो गया है और अब किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सरकार का कहना है कि सत्यापन कार्य पूरा होने के बाद ही सही लाभुकों को योजना का लाभ दोबारा दिया जाएगा। जिन लोगों ने गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठाया है, उनसे न केवल पूरी राशि वापस ली जाएगी, बल्कि उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।