गिरिडीह के घोड़थंबा में होली जुलूस के दौरान पथराव और आगजनी की घटना सामने आई है। इस घटना को लेकर झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने X हैंडल पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह घटना हेमंत सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र की विफलता का परिणाम है।
मरांडी ने लिखा कि हिंदुओं के पर्व-त्योहारों पर हिंसा करना एक नया ट्रेंड बन गया है और इसे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस की सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार खुद हिंदू विरोधी तत्वों को हिंसा के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
“प्रशासन पूरी तरह फेल”
भाजपा नेता ने कहा कि पर्व-त्योहारों से पहले होने वाली शांति समिति की बैठकें और प्रशासन द्वारा किए जाने वाले फ्लैग मार्च अब सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं।
मरांडी ने कहा, “दो दिन पहले ही हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को विधि-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद गिरिडीह में हिंसा हुई। यह साबित करता है कि उनका शासन-प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।”
उन्होंने झारखंड पुलिस पर भी सवाल उठाए और कहा कि मीडिया के सामने उपद्रवियों को कड़ी कार्रवाई की धमकी देने वाली पुलिस, असल में हिंसा फैलाने वालों के सामने बेबस नजर आ रही है।
“दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो”
बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह पुलिस से मांग की कि होली जुलूस में व्यवधान उत्पन्न करने वाले सभी आरोपियों को चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि पुलिस उल्टे पीड़ित पक्ष पर कार्रवाई कर मामले को संतुलित दिखाने का प्रयास न करे।