जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम कस्बे में मंगलवार को पर्यटकों पर हुए भीषण आतंकी हमले में जानकारी के मुताबिक़ अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 10 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। मरने वालों में दो विदेशी नागरिक – एक इज़रायली और एक इटली का नागरिक – भी शामिल हैं। यह हमला पहलगाम की प्रसिद्ध बैसरन घाटी के ऊपरी इलाकों में उस वक्त हुआ जब बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे थे।
सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों ने पर्यटकों से नाम और धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। प्रारंभिक जांच में यह एक सुनियोजित हमला प्रतीत हो रहा है, जिसमें द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) आतंकी संगठन की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। आतंकी पुलिस की वर्दी में थे और उनकी संख्या दो से तीन बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों की क्विक रिएक्शन टीम मौके पर तैनात की गई है और इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि अधिकांश पर्यटक राजस्थान से आए हुए थे। हमले के समय वे बैसरन घाटी की सैर पर निकले थे। यह इलाका आमतौर पर शांतिपूर्ण माना जाता है और अब तक आतंकवादी घटनाओं से अछूता रहा है। मगर इस हमले ने घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
हमले के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस समय सऊदी अरब की यात्रा पर हैं, ने घटना की जानकारी मिलते ही गृह मंत्री अमित शाह से बात की और तुरंत पहलगाम रवाना होने के निर्देश दिए। गृह मंत्री दिल्ली से रवाना हो चुके हैं और इससे पहले उन्होंने एक हाई-लेवल सुरक्षा बैठक की, जिसमें आईबी चीफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी, सेना व सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और वे तत्काल पहलगाम पहुंच रहे हैं। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आतंकी एक बड़े पर्यटक समूह को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। फिलहाल हमलावर फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।