गिरिडीह कॉलेज में झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की परीक्षा में कथित अनियमितताओं का आरोप

Niranjan Kumar
3 Min Read
Share This News
WhatsApp Channel Join Now

गिरिडीह: झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की परीक्षा के दौरान गिरिडीह कॉलेज में अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कॉलेज प्रशासन पर आरोप है कि परीक्षा में छात्रों को खुलेआम नकल करने की छूट दी जा रही है। यह आरोप है कि परीक्षा के दौरान कक्षाओं में निर्धारित से अधिक छात्रों को एक साथ बैठने दिया जा रहा है और निगरानी व्यवस्था भी बेहद ढीली है, जिससे नकल की संभावना बढ़ रही है।

 

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, परीक्षा के दौरान किसी भी समय 100 से अधिक छात्रों पर एक या दो निरीक्षकों को नियुक्त किया गया है, जो कि निगरानी मानकों के अनुकूल नहीं है। इसके अलावा, परीक्षा शुरू होने के बाद कुछ निरीक्षकों को कक्ष से हटा दिया जाता है, जिससे परीक्षार्थियों को नकल करने का खुला अवसर मिल जाता है। यह भी आरोप है कि इसके बदले में छात्रों से धन वसूली की जा रही है और पैसे देने वाले छात्रों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की जाती है।

 

इस मामले में यह भी कहा जा रहा है कि प्रश्नपत्र कॉलेज के अनुबंध कर्मी धर्मेंद्र कुमार वर्मा के द्वारा खोला जा रहा है, जबकि इस प्रक्रिया में कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक और केंद्राधीक्षक की उपस्थिति आवश्यक होती है। इन आरोपों के बीच एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 23 अक्टूबर को 16 छात्रों को अनुचित साधनों के साथ पकड़ा गया था, लेकिन कथित तौर पर उनसे धन लेकर उन्हें परीक्षा से निष्कासित नहीं किया गया।

 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने इन अनियमितताओं पर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। परीक्षा नियंत्रक और केंद्राधीक्षक की अनुपस्थिति में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों द्वारा परीक्षा संचालन से इन आरोपों को और बल मिल रहा है।

परीक्षा में कथित अनियमितताओं और इनसे संबंधित प्रशासनिक लापरवाही की जांच की मांग उठाई जा रही है। वहीं, कॉलेज प्रशासन की ओर से इस मामले में फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

Share This Article
हमारा उद्देश्य जनता को विश्वसनीय और तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सूचित और सशक्त हो सकें। “खबरें, जो आपकी आवाज़ बनें"
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page