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दिवाली पर क्यों जरूरी है जिमीकंद का सेवन? जानें इसके धार्मिक महत्व और स्वास्थ्य लाभ…

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दिवाली का पर्व रोशनी, खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। इस त्योहार पर अनेक पारंपरिक मान्यताएं और रीति-रिवाज निभाए जाते हैं, जिनमें विशेष प्रकार के भोजन का भी महत्व है। इन्हीं खाद्य पदार्थों में एक अनूठी सब्जी है जिमीकंद, जिसे सूरन भी कहा जाता है। दिवाली के शुभ अवसर पर जिमीकंद खाने का धार्मिक और स्वास्थ्य से जुड़े लाभ बताए गए हैं, जो इसे खास बनाते हैं।

जिमीकंद का पौराणिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली पर जिमीकंद खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह माना जाता है कि जिमीकंद, जिसे संस्कृत में अमोर्फोफैलस के नाम से भी जाना जाता है, की विशेषता है कि इसे जड़ से काटने के बाद भी यह पुनः उग सकता है। यह विशेषता समृद्धि, विकास, और उन्नति का प्रतीक मानी जाती है, और इसलिए दिवाली पर इसे घर में बनाने से सुख-समृद्धि का वास होता है। कई परिवार इस दिन जिमीकंद को साफ-सुथरे तरीके से पकाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाते हैं, ताकि माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो और परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि का वास हो।

दिवाली के अगले दिन यानी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को अन्नकूट या गोवर्धन पूजा के दिन भी जिमीकंद खाने का महत्व है। यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में मनाया जाता है, और इस दिन विविध प्रकार की सब्जियां, विशेष रूप से जिमीकंद का सेवन करना शुभ माना जाता है।

जिमीकंद के स्वास्थ्य लाभ

जिमीकंद केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं।

1. पाचन तंत्र को मजबूत बनाएं

जिमीकंद में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पेट और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक है। फाइबर कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है और आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

जिमीकंद में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-सी जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसका सेवन करने से शरीर को बैक्टीरिया और वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।

3. खून की सफाई करे

जिमीकंद खून को साफ करने में भी मददगार है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व खून की अशुद्धियों को दूर करते हैं, जिससे त्वचा की सेहत भी बेहतर होती है और त्वचा पर प्राकृतिक निखार आता है।

4. वजन नियंत्रित करने में सहायक

लो-कैलोरी और हाई-फाइबर युक्त होने के कारण जिमीकंद वजन कम करने में सहायक है। इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

5. मधुमेह के मरीजों के लिए लाभकारी

जिमीकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जिससे यह मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इसका सेवन ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और शुगर की तीव्रता को कम करता है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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Published by
Pintu Kumar

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