झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ चुके हैं, और इन नतीजों ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और इंडिया गठबंधन की ताकत को साबित कर दिया है। इस चुनाव में गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है, और सोरेन परिवार ने अपनी मजबूत पकड़ का प्रदर्शन किया है। हालांकि, सोरेन परिवार की वरिष्ठ सदस्य सीता सोरेन को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
जामताड़ा में सीता सोरेन की हार और इरफान अंसारी की जीत..
जामताड़ा विधानसभा सीट पर झामुमो के बागी नेता और भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन को हार का सामना करना पड़ा। उनके सामने कांग्रेस के उम्मीदवार और दो बार के विधायक इरफान अंसारी थे। जामताड़ा क्षेत्र में मुस्लिम और आदिवासी समुदायों की अच्छी खासी आबादी है, और इस क्षेत्र में इरफान और उनके पिता फुरकान अंसारी का व्यापक प्रभाव है।
चुनाव के शुरुआती राउंड में सीता सोरेन ने बढ़त बनाई थी, लेकिन इरफान अंसारी ने जल्द ही इसे पलट दिया। अंततः इरफान ने बड़ी जीत दर्ज की और इंडिया गठबंधन के गढ़ को बरकरार रखा।
सीता सोरेन की राजनीतिक यात्रा में नया मोड़…
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले झामुमो से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाली सीता सोरेन के लिए यह चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं था। भाजपा ने उन्हें दुमका लोकसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन वहां उन्हें झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन से हार मिली। इसके बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें जामताड़ा से उतारा, लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
बरहेट से हेमंत सोरेन की हैट्रिक…
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी परंपरागत सीट बरहेट से जीत की हैट्रिक लगाई है। उन्होंने 2014 और 2019 के बाद अब 2024 में भी शानदार जीत दर्ज की है। सोरेन परिवार के अन्य सदस्य भी इस चुनाव में छाए रहे।
कल्पना सोरेन और बसंत सोरेन की शानदार जीत..
झारखंड की वीआईपी सीटों में शुमार गांडेय विधानसभा सीट से झामुमो उम्मीदवार कल्पना सोरेन ने जीत दर्ज की। इसके अलावा, दुमका क्षेत्र में सोरेन परिवार के छोटे बेटे बसंत सोरेन ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की।
संथाल क्षेत्र पर झामुमो का दबदबा बरकरार…
झारखंड के संथाल क्षेत्र को झामुमो का गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र में झामुमो ने अपने मजबूत प्रदर्शन को जारी रखा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नेतृत्व क्षमता और इंडिया गठबंधन की रणनीति ने यहां पर पार्टी को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
झारखंड चुनाव का संदेश..
इस बार के चुनाव परिणामों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि झारखंड में झामुमो और इंडिया गठबंधन की पकड़ मजबूत है। हेमंत सोरेन की विकास योजनाओं और जनता से जुड़ाव ने उन्हें तीसरी बार सत्ता में वापसी दिलाई है। हालांकि, भाजपा के लिए यह चुनाव कई सवाल खड़े करता है, खासकर आदिवासी इलाकों में उनकी कमजोर पकड़ पर।
झारखंड में इस जीत के साथ झामुमो ने अपने गढ़ को न केवल बचाया, बल्कि अपनी ताकत को और मजबूत किया है। अब सभी की नजरें हेमंत सोरेन की सरकार की नीतियों और अगले कदम पर टिकी हैं।
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