गिरिडीह जिले के 6 विधानसभा सीटों के परिणाम घोषित, कुछ ही देर में होगी अधिकारिक घोषणा..

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गिरिडीह जिले की 6 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं। मतगणना समाप्त होने के बाद इन सीटों पर जीत का सेहरा अलग-अलग दलों के उम्मीदवारों के सिर बंधा। हालांकि खबर लिखे जाने तक ये परिणाम चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपडेट नहीं किए गए हैं।

गिरिडीह विधानसभा: JMM के सुदिव्य कुमार सोनू ने रचा इतिहास..

गिरिडीह विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रत्याशी सुदिव्य कुमार सोनू ने शानदार जीत हासिल की। उन्होंने 3838 वोट से जीत दर्ज की। 

गांडेय विधानसभा से कल्पना सोरेन मुर्मू ने रचा नया कीर्तिमान..

गांडेय विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की कल्पना सोरेन मुर्मू ने एक बार से चुनाव जीतकर महिलाओं की सशक्त भागीदारी का परिचय दिया। कल्पना सोरेन 16960 वोट से दर्ज जीत की है।

राजधनवार विधानसभा, बाबूलाल मरांडी की जीत

राजधनवार सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने जीत दर्ज की। यह जीत उनके राजनीतिक अनुभव और प्रभावशाली कार्यशैली का प्रमाण है। बाबूलाल मरांडी ने अपने प्रतिद्वंद्वी को कड़ी चुनौती देते हुए बढ़त बनाई और अंततः विजय प्राप्त की।

बगोदर विधानसभा, नागेंद्र महतो ने BJP का परचम लहराया

बगोदर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नागेंद्र महतो विजयी रहे। यह सीट परंपरागत रूप से कठिन मानी जाती रही है, लेकिन नागेंद्र महतो ने इस बार की बाजी अपने नाम कर ली। उनकी जीत BJP की मजबूत पकड़ को दर्शाती है।

डुमरी विधानसभा, JLKM के जयराम महतो की जीत..

डुमरी विधानसभा सीट से झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा (JLKM) के प्रत्याशी जयराम महतो ने चुनाव जीतकर नई पार्टी को एक बड़ी सफलता दिलाई। यह जीत क्षेत्रीय मुद्दों को प्राथमिकता देने और जनता के बीच उनकी मजबूत छवि का परिणाम है।10945 वोट से जीत दर्ज।

जमुआ विधानसभा, BJP की डॉ. मंजू कुमारी विजयी

जमुआ विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रत्याशी डॉ. मंजू कुमारी ने जीत दर्ज की। उनकी जीत क्षेत्र में विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए उनके प्रयासों का नतीजा मानी जा रही है।

सियासी समीकरण और जनता की प्राथमिकता

गिरिडीह जिले के इस चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि यहां के मतदाता मुद्दों और उम्मीदवारों की छवि पर विशेष ध्यान देते हैं। JMM और BJP के बीच कड़ी टक्कर के बावजूद दोनों पार्टियां अपनी-अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहीं। वहीं JLKM जैसी क्षेत्रीय पार्टी की उपस्थिति ने यह संकेत दिया है कि स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी जा रही है।

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