दो नेतओं की बीच उतरा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्रीकांत प्रसाद – बगोदर विधानसभा सीट पर सियासी घमासान शुरू…

Pintu Kumar
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गिरिडीह: – झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान बगोदर सीट पर इस बार नया और मजबूत चेहरा चुनावी मैदान में उतर चुका है। गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड के खेसकरी गांव के निवासी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्रीकांत प्रसाद ने बगोदर विधानसभा से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। श्रीकांत प्रसाद की उम्मीदवारी से इस बार के चुनाव में बगोदर की राजनीतिक फिजा में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया है।

नामांकन के साथ ही चुनाव में नई सियासी हलचल..

श्रीकांत प्रसाद, जिन्होंने B.Tech के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की है, वर्तमान में दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय में एक अनुभवी अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा है कि झारखंड के नीतिगत मुद्दों और क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखने का निर्णय लिया है। उनकी प्राथमिकता क्षेत्र के विकास और जनता के मुद्दों पर केंद्रित है। उनके अनुसार, वे झारखंड की न्याय प्रणाली और सुशासन को स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

श्रीकांत को JBKSS के केंद्रीय अध्यक्ष संजय मेहता द्वारा टिकट प्रदान किया गया है। संजय मेहता ने उन पर विश्वास जताते हुए कहा कि श्रीकांत एक ईमानदार और कर्मठ उम्मीदवार हैं, जो जनता के भले के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। हालांकि संगठन चुनाव आयोग द्वारा रिजेस्ट्रेशन नहीं होने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

चुनावी तिथियाँ और बगोदर की स्थिति…

झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर दो चरणों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है। पहला चरण 13 नवंबर को होगा और दूसरा चरण 20 नवंबर को निर्धारित है। मतगणना 23 नवंबर को होगी। बगोदर विधानसभा सीट, जो गिरिडीह जिले के अंतर्गत आती है और कोडरमा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, पर दूसरे चरण यानी 20 नवंबर को मतदान होगा। यह सीट एक सामान्य श्रेणी की सीट है और इस पर भाकपा (माले) का दबदबा रहा है।

भाकपा-माले और भाजपा के साथ श्रीकांत की तगड़ी टक्कर…

बगोदर विधानसभा क्षेत्र को भाकपा (माले) का गढ़ माना जाता है। यहां से वर्तमान विधायक विनोद सिंह का प्रभाव रहा है। दूसरी ओर, भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व विधायक नागेंद्र महतो भी सशक्त दावेदारी पेश कर रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्रीकांत प्रसाद का मैदान में उतरना मुकाबले को और दिलचस्प बना रहा है। तीनों प्रमुख उम्मीदवारों के बीच यह चुनावी संघर्ष इस बार क्षेत्र के विकास और जनता के मुद्दों पर आधारित रहने वाला है।

श्रीकांत प्रसाद की प्राथमिकताएँ और चुनावी एजेंडा..

श्रीकांत प्रसाद ने नामांकन के बाद अपने चुनावी एजेंडे को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि उनके प्रमुख मुद्दों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और क्षेत्रीय विकास शामिल हैं। उनका मानना है कि झारखंड की समस्याओं का समाधान तभी संभव है, जब नीतियों में आमूल-चूल परिवर्तन किया जाए। श्रीकांत ने अपनी बात में कहा कि वे झारखंड की जनता को न्याय दिलाने और सुशासन की स्थापना के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे। उनके समर्थकों का कहना है कि वे जनता की आवाज बनकर विधानसभा में पहुंचेंगे और वहां उनकी जरूरतों को पूरा करेंगे।

चुनावी माहौल में उबाल…

श्रीकांत प्रसाद के नामांकन के साथ ही बगोदर विधानसभा क्षेत्र में सियासी माहौल पूरी तरह से गर्मा चुका है। भाकपा (माले) और भाजपा के बीच पहले से ही कांटे की टक्कर मानी जा रही थी, लेकिन अब श्रीकांत प्रसाद के शामिल होने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। इस बार का चुनाव जनता के बुनियादी मुद्दों पर आधारित है, जिसमें हर उम्मीदवार अपनी तरफ से बेहतर समाधान देने का दावा कर रहा है।

20 नवंबर को होगा निर्णायक दिन…

बगोदर के मतदाताओं का मूड क्या रहेगा और किसे वे अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं, इसका फैसला 20 नवंबर को होगा। श्रीकांत प्रसाद ने अपने नामांकन के साथ क्षेत्र के मतदाताओं को यह संदेश दिया है कि वे एक नए और ठोस विकल्प के रूप में उन्हें चुन सकते हैं। इस चुनावी महासमर में बगोदर सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, और देखना होगा कि श्रीकांत प्रसाद अपनी चुनावी यात्रा में कितनी सफलता प्राप्त करते हैं।

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