52 वर्षों का सफर पूरा, गिरिडीह जिला मना रहा है अपना गौरवशाली जन्मदिन और खनिज-सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव

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गिरिडीह जिला आज 4 दिसंबर 2024 को अपनी स्थापना के 52वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 1972 में हजारीबाग जिले के विभाजन से बना यह जिला झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में स्थित है। गिरिडीह अपने खनिज संसाधनों, पर्यटन स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है।

 

जिला 24°11′ उत्तर अक्षांश और 86°18′ पूर्व देशांतर के बीच फैला हुआ है। इसका क्षेत्रफल 4,853.56 वर्ग किमी है। इसके उत्तर में बिहार के जमुई और नवादा, पूर्व में देवघर और जामताड़ा, दक्षिण में धनबाद और बोकारो तथा पश्चिम में हजारीबाग और कोडरमा जिले हैं।

 

गिरिडीह का इतिहास अत्यंत समृद्ध है। यह क्षेत्र पहले हजारीबाग जिले का हिस्सा था। छोटानागपुर पठार में बसे इस क्षेत्र में घने जंगल, पहाड़ और आदिवासी समुदायों का वर्चस्व था। मुगल सम्राट अकबर के शासन में यह क्षेत्र पहली बार प्रमुखता में आया। ब्रिटिश काल में यह दक्षिण-पश्चिम फ्रंटियर एजेंसी का हिस्सा बना और बाद में छोटानागपुर प्रमंडल में शामिल किया गया। स्वतंत्रता के बाद गिरिडीह को बिहार सरकार द्वारा विकसित किया गया, और अब यह झारखंड का एक प्रमुख जिला है।

खनिज और जलवायु:

गिरिडीह को खनिजों का खजाना कहा जाता है। यहां विश्व स्तरीय कोयले और अबरख की खानें हैं। तिसरी और गावा प्रखंड खनिज संपदा से समृद्ध हैं। जलवायु आमतौर पर शुष्क रहती है। गर्मियों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि सर्दियों का मौसम सुखद होता है।

गिरिडीह प्रकृति और भक्ति स्थलों का अद्भुत संगम है। यह जिला भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस की कर्मभूमि भी रहा है। जिले में घूमने के प्रमुख स्थान हैं:

  • 1. श्री सम्मेद शिखरजी – जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल।
  • 2. लंगटा बाबा समाधि स्थल – श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र।
  • 3. उसरी फॉल – प्राकृतिक झरना और पिकनिक स्पॉट।
  • 4. खंडोली बांध – जल पर्यटन का प्रमुख केंद्र।
  • 5. हरिहर धाम – विशाल शिव मंदिर।
  • 6. दुखिया महादेव मंदिर – धार्मिक महत्व का स्थल।
  • 7. झारखंड धाम – प्रसिद्ध धार्मिक स्थल।
  • 8. श्री कबीर ज्ञान मंदिर – आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र।
  • 9. जलीय सूर्य मंदिर – अनोखा जल मंदिर।

गिरिडीह जिला न केवल खनिज संपदा और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह झारखंड के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जिले की 52वीं वर्षगांठ पर सभी निवासियों को गर्व और खुशी का अनुभव हो रहा है।

गिरिडीह जिले ने अपने 52 साल के सफर में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह जिला झारखंड के गौरव का प्रतीक बना हुआ है।

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