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अपार आईडी: क्या है, आधार से कैसे अलग, और छात्रों को कैसे होगा फायदा? जानें सब कुछ….

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शिक्षा क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के तहत केंद्र सरकार ने ‘अपार आईडी’ (ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) योजना को लागू करना शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत सभी स्कूलों के छात्रों को एक 12 अंकों की यूनिक आईडी दी जा रही है, जो उनके शैक्षणिक सफर का पूरा डिजिटल रिकॉर्ड रखेगी।

क्या है अपार आईडी?

अपार आईडी छात्रों के लिए आधार कार्ड की तरह एक डिजिटल पहचान है, लेकिन यह विशेष रूप से शैक्षणिक विवरण के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें छात्रों के नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, शैक्षणिक योग्यता, स्कॉलरशिप, अवॉर्ड, खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी, और एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों का पूरा ब्यौरा शामिल होगा।

यह आईडी डिजीलॉकर और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) से जुड़ी होगी, जिससे छात्र अपने प्रमाणपत्र, मार्कशीट, और अन्य शैक्षणिक दस्तावेज़ों को सुरक्षित और आसानी से एक्सेस कर सकेंगे।

अपार आईडी के लाभ:

  • फर्जी दस्तावेज़ों पर रोक: इससे फर्जी प्रमाणपत्रों और मार्कशीट की समस्या पर लगाम लगेगी।
  • आसान वेरिफिकेशन: प्रवेश परीक्षाओं, एडमिशन, और नौकरी आवेदन के दौरान छात्रों की पहचान और शैक्षणिक रिकॉर्ड की जांच तेज और सटीक होगी।
  • डिजिटल सुविधा: छात्रों को सभी दस्तावेज़ एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मिलेंगे।
  • ड्रॉपआउट ट्रैकिंग: ड्रॉपआउट छात्रों की निगरानी और उन्हें वापस मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी।
  • शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच: छात्रों के एक शहर से दूसरे शहर स्थानांतरित होने पर भी उनका रिकॉर्ड सुरक्षित और सुलभ रहेगा।

कैसे बनेगी अपार आईडी?

अपार आईडी छात्रों के स्कूल द्वारा बनाई जाएगी। इसके लिए छात्रों को अपना आधार कार्ड और माता-पिता की सहमति पत्र देना होगा। फिलहाल, 34 करोड़ से अधिक छात्रों की आईडी बनाई जा चुकी है।

क्या अपार आईडी अनिवार्य है?

यह आईडी बनाना स्वैच्छिक है। स्कूलों को अभिभावकों से सहमति लेना आवश्यक है, और अभिभावक किसी भी समय अपनी सहमति वापस ले सकते हैं।

एक राष्ट्र, एक छात्र आईडी’ की दिशा में कदम

शिक्षा मंत्रालय ने 2026-27 तक सभी छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को अपार आईडी के माध्यम से इंटिग्रेट करने का लक्ष्य रखा है। यह पहल न केवल छात्रों के शैक्षणिक विकास को ट्रैक करेगी, बल्कि उन्हें एक डिजिटल और पारदर्शी शैक्षणिक इकोसिस्टम का हिस्सा बनाएगी।

शिक्षा के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी कदम छात्रों को उनके भविष्य के लिए बेहतर तैयारी में मदद करेगा।

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