गिरिडीह नगर निगम पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए माले नेता राजेश सिन्हा ने उपायुक्त को लिखित आवेदन सौंपा। उन्होंने दावा किया कि लगभग 30-40 करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गई अत्याधुनिक सफाई मशीनें बीते छह महीनों से नगर निगम के परिसर में बेकार पड़ी हुई हैं। इनका इस्तेमाल न होने से न केवल नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं, बल्कि जनता के टैक्स के पैसे की भी खुली बर्बादी हो रही है।
लाखों की मशीनें बनीं शोपीस:
सिन्हा के अनुसार, नगर निगम ने रोड की सफाई के लिए झाड़ू मशीन, धूल हटाने वाली मशीन, पानी के टैंकर, और अन्य ऑटोमैटिक उपकरणों की खरीदारी की थी। लेकिन आज ये मशीनें पुराने नगर निगम परिसर में खड़ी-खड़ी सड़ रही हैं। उन्होंने कहा, “अगर ये मशीनें चल रही होतीं, तो न केवल गिरिडीह के 36 वार्डों में सफाई व्यवस्था बेहतर होती, बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता।”
जवाबदेही तय करने की मांग:
सिन्हा ने सवाल उठाया कि इन मशीनों की खरीद के लिए तत्कालीन अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने सहमति दी थी। अब जनता को यह जानने का हक है कि किसने इस बर्बादी को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान ये प्रतिनिधि जनता के बीच वोट मांगने आते हैं, लेकिन पांच साल के कार्यकाल में शहर की समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं।
गंदा पानी और फर्जी बिल का मुद्दा:
सिन्हा ने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम द्वारा सप्लाई किया जाने वाला पानी कई बार गंदा होता है। सुबह और शाम पानी की आपूर्ति नहीं की जाती, लेकिन इसके बावजूद उपभोक्ताओं से बिल वसूला जा रहा है। उन्होंने पानी की गुणवत्ता की जांच कराने और नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।
आंदोलन की चेतावनी:
राजेश सिन्हा ने चेतावनी दी कि अगर नगर निगम की लापरवाही पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो माले कार्यकर्ता आम जनता के साथ मिलकर नगर निगम के सामने अनिश्चितकालीन धरना देंगे। उन्होंने कहा, “हमने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता साफ नजर आती है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
जनता का आह्वान:
सिन्हा ने शहरवासियों से अपील की कि वे इस लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाएं। उनका कहना है कि “यह लड़ाई केवल माले की नहीं है, बल्कि पूरे गिरिडीह की जनता के अधिकारों की है। नई मशीनों के उपयोग से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और शहर स्वच्छ रहेगा।
जांच की आवश्यकता:
उन्होंने उपायुक्त से इन आरोपों की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही, नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और जनता के धन का सही उपयोग सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।