22 लाख छात्रों की परीक्षा पर संकट, झारखंड एकेडमिक काउंसिल में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद खाली…

Pintu Kumar
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रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कार्यकाल 18 जनवरी को समाप्त हो गया है। इसके बाद से ये दोनों पद खाली पड़े हैं, जिससे राज्य में 8वीं से 12वीं तक होने वाली बोर्ड परीक्षाओं पर संकट मंडरा रहा है। जैक के पास अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति के कारण परीक्षाओं का संचालन अधर में लटक गया है।

22 लाख छात्रों का भविष्य दांव पर

इस वर्ष 8वीं से 12वीं तक की परीक्षाओं में कुल 21,84,248 छात्र शामिल होंगे। परीक्षा के आयोजन पर बनी असमंजस की स्थिति छात्रों की तैयारी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। जैक ने अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए कक्षा 8वीं और 9वीं की परीक्षाओं को पहले ही स्थगित कर दिया है।

मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं पर संकट

मैट्रिक परीक्षा का एडमिट कार्ड 25 जनवरी से डाउनलोड होना था, लेकिन यह प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। वहीं, 12वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड 28 जनवरी से जारी किए जाने थे, जिनके समय पर जारी होने को लेकर भी संदेह बना हुआ है।

संघर्ष मोर्चा ने किया विरोध

झारखंड राज्य वित्तरहित संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 29 जनवरी को झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी की है। मोर्चा के अनुसार, राज्य में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही देरी से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।

आपात बैठक का आयोजन

संघर्ष मोर्चा ने 28 जनवरी को एक आपात बैठक आयोजित की। यह बैठक सर्वोदय बाल निकेतन हाईस्कूल, धुर्वा, रांची में हुई। बैठक में मोर्चा के सभी घटक दलों, जैसे इंटरमीडिएट, माध्यमिक, संस्कृत और मदरसा के नेताओं को आमंत्रित किया गया। मोर्चा के नेताओं ने बताया कि यदि जल्द ही जैक के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई, तो जनहित याचिका दायर करने के साथ-साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की रणनीति बनाई जाएगी।

2022 की स्थिति की पुनरावृत्ति

संघर्ष मोर्चा के नेताओं का कहना है कि यह समस्या झारखंड राज्य बनने के बाद से कई बार सामने आई है। वर्ष 2022 में भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति में चार महीने का समय लगा था, और अब 2025 में उसी स्थिति की पुनरावृत्ति हो रही है।

संकट से निपटने के लिए रणनीति

मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य रघुनाथ सिंह, अरविंद सिंह, संजय कुमार, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, मुरारी प्रसाद सिंह, मनीष कुमार, फजलुल कादरी अहमद और नरोत्तम सिंह ने कहा कि 22 लाख छात्रों के भविष्य को देखते हुए यह मामला अत्यंत गंभीर है। उन्होंने बताया कि वर्ग 8वीं की परीक्षा 28 जनवरी और 9वीं की परीक्षा 29-30 जनवरी को आयोजित होनी थी, जिन्हें स्थगित करना पड़ा है।

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