सिर्फ 350 रुपए में बिक गई मेहनत, JAC 10वीं बोर्ड पेपर लीक का बड़ा खुलासा, गिरिडीह और देवघर से जुड़े हो सकते हैं तार

Pintu Kumar
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गिरिडीह: झारखंड बोर्ड की दसवीं कक्षा की हिंदी और विज्ञान की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में पुलिस प्रशासन ने अपनी जांच तेज कर दी है। मामले में कोडरमा जिले के मरकच्चो और जामू में पुलिस ने छापेमारी की और एक निजी स्कूल संचालक को हिरासत में लिया है। इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनसे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

छापेमारी में निजी स्कूल संचालक हिरासत में

मरकच्चो थाना क्षेत्र के जामू से पुलिस ने प्रज्ञा स्कूल के संचालक प्रशांत कुमार शाह को हिरासत में लिया है। प्रशांत न केवल एक स्कूल, बल्कि कोचिंग संस्थान भी चलाता है और “क्लास विद प्रिंस सर” नाम से यूट्यूब चैनल संचालित करता है। जांच में पता चला कि वह “प्रिंस” नाम से सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है, और तकनीकी टीम उसकी डिजिटल गतिविधियों की जांच कर रही है।

मूकबधिर छात्र प्रिंस राणा की भूमिका संदिग्ध

इस मामले में सबसे चौंकाने वाला नाम प्रिंस राणा का सामने आया है। वह मूकबधिर छात्र है और इस साल खुद भी 10वीं बोर्ड परीक्षा देने वाला था। लेकिन वह अपने पिता इंद्रदेव विश्वकर्मा और मां आरती देवी के साथ बेंगलुरु में इलाज के लिए गया हुआ था, जहां से कोडरमा आने के लिए उसकी ट्रेन छूट गई, जिससे वह परीक्षा नहीं दे सका।

प्रश्नपत्र लीक प्रकरण में अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एक 10वीं के छात्र के पास परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र कैसे पहुंचा? पुलिस और जिला प्रशासन इस दिशा में गहराई से जांच कर रहे हैं।

इसी वाट्सअप ग्रुप में वायरल हुआ था जैक बोर्ड के मैट्रिक का हिंदी और साइंस का प्रश्न पत्र।

व्हाट्सएप ग्रुप और ऑनलाइन पेमेंट का खेल

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि “जैक बोर्ड क्वेश्चन पेपर क्लास 10 एंड 12 2025” नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय था, जिसमें 1000 से अधिक लोग जुड़े हुए थे। इस ग्रुप में प्रिंस नामक युवक द्वारा 350 रुपए ऑनलाइन पेमेंट लेकर परीक्षा के प्रश्नपत्र बेचे जा रहे थे।

कैसे होता था सौदा?

• ग्रुप में एक ऑनलाइन स्कैनर साझा किया जाता था।

• 350 रुपए पेमेंट करने पर प्रश्नपत्र का PDF दिया जाता था।

• PDF खोलने के लिए पासवर्ड मांगा जाता था।

• प्रिंस के पास पेमेंट जाने के बाद ही वह पासवर्ड देता था।

प्रिंस की मां के खाते में जा रहे थे पैसे

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस पूरे रैकेट में लिए गए पैसों की ट्रांजेक्शन प्रिंस राणा की मां आरती देवी के खाते में हो रही थी। इससे पुलिस को संदेह है कि यह पूरा नेटवर्क संगठित रूप से संचालित किया जा रहा था।

प्रिंस का गुम हुआ मोबाइल और अनसुलझे सवाल

पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि प्रिंस राणा का मोबाइल कुछ दिनों पहले गुम हो गया था। लेकिन उसने न तो अपने नंबर को ब्लॉक कराया था और न ही इसकी सूचना पुलिस को दी थी।

इससे संदेह गहरा गया है कि प्रश्नपत्र लीक कांड में प्रिंस राणा की भूमिका संदिग्ध हो सकती है।

तकनीकी सेल ने डिलीट डेटा किया रिकवर

इस मामले में पुलिस ने पहले से हिरासत में लिए गए प्रशांत कुमार शाह के मोबाइल की जांच की। पुलिस का दावा है कि प्रशांत ने कई महत्वपूर्ण डेटा डिलीट कर दिया था, लेकिन तकनीकी टीम ने उसे रिकवर कर लिया है। इससे कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिससे इस गिरोह का पूरा नेटवर्क उजागर हो सकता है।

देवघर और गिरिडीह से जुड़े हो सकते हैं तार

जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस प्रश्नपत्र लीक कांड के तार देवघर और गिरिडीह से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस इन जिलों में भी जांच का दायरा बढ़ा सकती है।

प्रिंस राणा की गिरफ्तारी के बाद खुलेगा पूरा सच

प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रिंस राणा केवल एक मोहरा है, या फिर वह इस पूरे नेटवर्क का हिस्सा है? पुलिस का मानना है कि प्रिंस की गिरफ्तारी के बाद ही पूरा सच सामने आ सकेगा।

पुलिस की कार्रवाई जारी, अन्य की भी हो सकती है गिरफ्तारी

फिलहाल पुलिस प्रिंस राणा की तलाश में है, और उसके पकड़े जाने के बाद मामले में और खुलासे हो सकते हैं। प्रशासन इस पूरे गिरोह को बेनकाब करने में जुटा हुआ है, जिससे झारखंड बोर्ड परीक्षा की शुचिता बनी रहे।

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