गिरिडीह जिले के राजधनवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत घोड़थंबा गांव में बीते होली दिनों सांप्रदायिक हिंसा का भयावह मंजर देखने को मिला। असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया। इस मामले में 22 आरोपी को गिरफ्तार भी किए जा चूके हैं। मामला अब इतना बढ़ गया है की अब राजनीतिक तुल भी पकड़ गया है। बीते रात रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने घोड़थंबा पहुंच कर पीड़ित परिवारों से मिलकर प्रशासन पर दमनकारी कार्यवाही कह कर खूब बरसे।
इस कार्रवाई में घोड़थंबा के इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान संचालक विकास शाह को पुलिस ने इस कदर पीटा कि उनकी पीठ पर गहरे जख्मों के निशान उभर आए हैं। यह तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं और झारखंड सरकार व प्रशासन के रवैये पर गंभीर सवाल उठा रही हैं।
सरकार के संरक्षण में घूम रहे असली दोषी, निर्दोषों पर गिरी पुलिस की गाज- अन्नुपूर्णा देवी
कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी और झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अन्नपूर्णा देवी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में विकास शाह की पीठ पर हुए जख्मों की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखी:
“गिरिडीह (राजधनवार विधानसभा) के घोड़थंबा में असामाजिक तत्वों ने पुलिस की मौजूदगी में सांप्रदायिक हिंसा फैलाई, खुलेआम तोड़-फोड़, आगजनी की और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाद में वही पुलिस प्रशासन पीड़ित पक्ष के लोगों को ही निशाना बना रहा है। दर्जनों निर्दोषों को पुलिस ने जिस निर्ममता के साथ पीटा है, वह प्रशासन के दमनकारी रवैये की गवाही दे रहा है।
झारखंड की आम जनता पुलिसिया ज़ुल्म से त्राहि-त्राहि कर रही है। घोड़ाथंबा में हिंसा की साज़िश रचने वाले सरकार के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं और कार्रवाई के नाम पर पुलिस निर्दोषों पर बर्बर अत्याचार कर रही है जो बर्दाश्त से बाहर है।
हम इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की न्यायिक जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग करते हैं।
वहीं, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विकास शाह की पीठ पर हुए जख्मों की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा:
गिरिडीह के घोड़थंबा में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाने वाले विकास शाह को पुलिस ने जिस क्रुरता के साथ पीटा है, वह चीख चीख कर पुलिस की बर्बरता की गवाही दे रहा है।
हेमंत सोरेन जी, क्या इसी तरह जनता को पुलिसिया जुल्म के हवाले छोड़ दिया जाएगा? पुलिस की यह कारवाई बेहद शर्मनाक और अक्षम्य है। लोकतंत्र में लाठीतंत्र की कोई जगह नहीं है। पुलिस की दमनात्मक कारवाई को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मामले की जांच कर विकास के साथ अमानवीय व्यवहार करने वाले सभी पुलिसकर्मियों पर सख्त कारवाई हो, अन्यथा पीठ पर दिख रहे एक-एक ज़ख्म का हिसाब लिया जाएगा।
न्यायिक जांच और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग
इस मामले ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। भाजपा नेताओं ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि विकास शाह समेत अन्य निर्दोषों पर हुए पुलिसिया अत्याचार की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो सरकार को कड़ा विरोध झेलना पड़ेगा।
घोड़थंबा की इस घटना ने झारखंड में कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है, या फिर जानबूझकर रची गई साजिश? क्या हेमंत सोरेन सरकार इस बर्बरता पर कार्रवाई करेगी या फिर निर्दोष नागरिकों को ऐसे ही पुलिसिया जुल्म सहना पड़ेगा?

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।