अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को सुभाष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, गिरिडीह में “सशक्त महिलाएं, सशक्त भारत” विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के डायरेक्टर सह अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने की। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है,जो महिलाओं को समानता, स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता प्रदान करने के लिए आवश्यक है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सशक्त महिला वही होती है, जो अपने फैसले खुद लेने में सक्षम हो। उन्होंने कहा, “एक महिला केवल घर नहीं संभालती, बल्कि वह पूरे समाज और देश को बदलने की ताकत रखती है।

राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार सिंह ने वर्ष 2025 के महिला दिवस थीम— ‘सभी महिलाओं के लिए अधिकार, समानता और सशक्तिकरण’— पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह थीम लैंगिक समानता की दिशा में तेज प्रगति की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
इस अवसर पर वक्ता शमा परवीन ने कहा कि महिलाएं आज शिक्षा, विज्ञान, राजनीति और खेल सहित हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं। हालांकि, समाज में अभी भी उन्हें समान अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष जारी है। उन्होंने कहा कि महिला दिवस के मौके पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रशिक्षुओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सेमिनार में प्रो. कौशल राज, प्रो. राजकिशोर प्रसाद, डॉ. ओमप्रकाश राय, प्रो. धर्मेंद्र मंडल, प्रो. बृजमोहन कुमार, राजेश, मिंकल, पूजा समेत कई शिक्षाविदों और प्रशिक्षुओं ने सहभागिता दर्ज कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।