अगर आप किसी डॉक्टर को देखें तो उनकी पहचान सफेद कोट से होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर सफेद कोट ही क्यों पहनते हैं? इसके पीछे सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि कई वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण छिपे हैं। आइए जानते हैं इस पर विस्तार से—
1. सफेद रंग शुद्धता और स्वच्छता का प्रतीक
सफेद रंग को स्वच्छता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। अस्पताल एक ऐसा स्थान है, जहां स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण होती है। सफेद कोट यह दर्शाता है कि डॉक्टर साफ-सुथरे हैं और किसी भी संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहते हैं।
2. रोगियों में विश्वास बढ़ाने के लिए
मनोवैज्ञानिक रूप से सफेद रंग शांति और भरोसे का एहसास कराता है। जब मरीज डॉक्टर को सफेद कोट में देखते हैं, तो उनमें एक भरोसा जगता है कि वे सुरक्षित हाथों में हैं।
3. संक्रमण से बचाव
डॉक्टरों का कोट न केवल उनकी पहचान होती है, बल्कि यह उन्हें संक्रमण से भी बचाता है। सफेद रंग होने के कारण यदि कोट पर कोई दाग या गंदगी लगती है, तो वह तुरंत दिखाई पड़ती है और इसे साफ किया जा सकता है। इससे अस्पतालों में संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है।
4. ध्यान केंद्रित करने में मददगार
सफेद रंग को तटस्थ रंग माना जाता है, जो डॉक्टरों को ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। ऑपरेशन थिएटर में हरा या नीला रंग इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि वे आंखों को आराम देते हैं, लेकिन आमतौर पर डॉक्टर सफेद कोट ही पहनते हैं ताकि वे कार्यस्थल पर मानसिक रूप से सतर्क रहें।
5. एक ऐतिहासिक परंपरा
19वीं शताब्दी से पहले डॉक्टर काले कपड़े पहनते थे, क्योंकि उन्हें गंभीरता और अनुशासन का प्रतीक माना जाता था। लेकिन धीरे-धीरे जब चिकित्सा विज्ञान में सफाई और कीटाणु रहित माहौल को महत्व दिया जाने लगा, तो सफेद कोट पहनने की परंपरा शुरू हुई। 20वीं शताब्दी के शुरुआती दिनों में इसे पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया।
क्या हर डॉक्टर सफेद कोट पहनता है?
नहीं, सभी डॉक्टर सफेद कोट नहीं पहनते। कई सर्जन और बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatricians) सफेद कोट नहीं पहनते क्योंकि इससे छोटे बच्चे डर सकते हैं। इसके अलावा, ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर और नर्स हरे या नीले रंग के गाउन पहनते हैं ताकि आंखों को आराम मिल सके और काम के दौरान बेहतर फोकस बना रहे।
डॉक्टरों का सफेद कोट सिर्फ एक ड्रेस कोड नहीं, बल्कि एक अहम पहचान और सुरक्षा का माध्यम है। यह न केवल मरीजों में विश्वास बढ़ाता है, बल्कि स्वच्छता और अनुशासन का प्रतीक भी है। अगली बार जब आप किसी डॉक्टर को सफेद कोट में देखें, तो जान लीजिए कि यह सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि विज्ञान और परंपरा का मिला-जुला रूप है।

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