झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के संविधान और शरीयत को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को गिरिडीह में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर समाहरणालय तक पैदल मार्च निकाला।
प्रदर्शन की शुरुआत गिरिडीह स्टेडियम से हुई, जहां सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और नेता एकजुट होकर नारेबाजी करते हुए समाहरणालय पहुंचे। वहां सभा में तब्दील हुए इस मार्च को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने संबोधित किया।
बाबूलाल मरांडी ने मंत्री के बयान को “भड़काऊ और समाज को बांटने वाला” करार देते हुए कहा, “जो लोग संविधान की दुहाई देकर भाजपा पर सवाल उठाते हैं, अब वही लोग खुद सवालों के घेरे में हैं। भाजपा ने हमेशा संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर का सम्मान किया है। संविधान दिवस मनाने की पहल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।”
उन्होंने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि “इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी साजिश का संकेत है।”
भाजपा नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर मंत्री हफीजुल हसन को जल्द बर्खास्त नहीं किया गया, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
प्रदर्शन में इन नेताओं की रही मौजूदगी:
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे ने किया। साथ ही, डॉ. रविंद्र कुमार राय (कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष), पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार, जय प्रकाश वर्मा, मुनिया देवी, विजय चौरसिया, सुरेश साव, दिनेश यादव, चुन्नू कान्त, संदीप डांगयच, महेंद्र वर्मा और विनय कुमार सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता शामिल रहे।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में मंत्री को बर्खास्त करने की मांग दोहराई और सरकार को चेताया कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो भाजपा सड़कों पर उतरकर जनआंदोलन तेज करेगी।

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