रांची: झारखंड की राजधानी रांची स्थित राज्य के प्रमुख सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में 59वीं शासी परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने की। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह, रिम्स के तत्कालीन निदेशक डॉ. राजकुमार (जिन्हें अब पद से हटा दिया गया है), कांके विधायक सुरेश बैठा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में रिम्स को एक उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थान बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर स्तर पर सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने रिम्स में डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने की दिशा में ‘इवनिंग पेड ओपीडी’ शुरू करने की संभावनाओं की जांच करने का निर्देश भी दिया।
साथ ही, मंत्री ने अस्पताल प्रबंधन को मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ संवेदनशील एवं मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें सहानुभूति और सेवा भावना भी शामिल होनी चाहिए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कमजोर आर्थिक वर्ग से आने वाले मरीजों की मृत्यु होने पर वा यदि उनके परिजन नेत्रदान या अंगदान करते हैं, तो उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ₹5,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही, ऐसे सभी नेत्रदाता या अंगदाता के शव को रिम्स से उनके घर तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क शव वाहन की व्यवस्था की जाएगी।