रांची: झारखंड सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत खाद्यान्न वितरण में संशोधन करते हुए अप्रैल 2025 से राज्य में 80:20 के अनुपात में चावल और गेहूं देने की अनुमति दे दी है। इस फैसले के बाद राज्य में जनवितरण प्रणाली की दुकानों से लाभुकों को अब 80 फीसदी चावल और 20 फीसदी गेहूं दिया जाएगा।
दरअसल, पहले झारखंड को 68:32 के अनुपात में चावल और गेहूं दिया जा रहा था, जिसका राज्य सरकार ने विरोध किया था। सरकार का तर्क था कि झारखंड की ग्रामीण और आदिवासी आबादी गेहूं के बजाय चावल को अधिक पसंद करती है, जबकि राज्य में गेहूं की खेती और खपत भी बहुत कम है। इसी के आधार पर झारखंड सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर चावल की मात्रा बढ़ाने की मांग की थी।
राज्य सरकार के अनुसार, झारखंड में SC-ST समुदाय के लोग चावल को प्राथमिकता देते हैं, जबकि गेहूं मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और अन्य उत्तरी राज्यों में अधिक खाया जाता है। केंद्र सरकार ने राज्य की मांग को मानते हुए अब नए अनुपात को मंजूरी दे दी है।

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