गिरिडीह : चैत्र शुक्ल तृतीया के उपरांत चतुर्थी मंगलवार को लोक आस्था का महापर्व चैती छठ श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रारंभ हो गया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान की शुरुआत नहाय-खाय से हुई, जिसमें व्रतियों ने पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर शुद्धता का संकल्प लिया।
इस परंपरा के तहत व्रती स्नान के पश्चात सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे नहाय-खाय कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह प्रक्रिया शरीर और मन की शुद्धि का प्रतीक मानी जाती है, जिससे व्रती आगामी तीन दिनों तक कठोर उपवास को विधिपूर्वक संपन्न कर सकें।
आज छठ व्रतधारियों ने पूजन-अर्चन के पश्चात प्रसाद के रूप में अरवा चावल, सेंधा नमक, चने और कद्दू की दाल तथा कद्दू की सब्जी ग्रहण कर महापर्व के अनुष्ठान का संकल्प लिया। इस पर्व के दौरान व्रती पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ सूर्य देव की आराधना करेंगे।

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