गिरिडीह: रक्तदान को जीवनदान यूं ही नहीं कहा जाता। जब समाज के जिम्मेदार और उच्च पदस्थ अधिकारी स्वयं इस कार्य को अपनी जिम्मेदारी मान लें, तो वह समाज के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने। डीसी महोदय ने बीते तीन वर्षों में कुल 11 बार रक्तदान कर अपने कर्तव्य और सामाजिक जिम्मेदारी का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
डीसी नमन प्रियेश लकड़ा जब भी गिरिडीह सदर अस्पताल या अन्य आयोजनों में रक्तदान शिविरों में शामिल हुए, उन्होंने न केवल स्वयं रक्तदान किया, बल्कि युवाओं को भी इसके लिए प्रेरित किया। उनका यह लगातार रक्तदान करना यह दर्शाता है कि वे केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और सेवा भाव से भरे इंसान भी हैं।
मरीजों को समय पर मिला जीवनदायी रक्त..
डीसी द्वारा किया गया हर रक्तदान, उन जरूरतमंद मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं रहा, जिन्हें समय पर रक्त न मिलने की स्थिति में जीवन संकट में पड़ सकता था। अस्पताल प्रशासन ने भी कई बार उनकी सराहना करते हुए कहा है कि जब जिले के सबसे बड़े अधिकारी खुद आगे आकर रक्तदान करते हैं, तो अन्य लोग भी इससे प्रेरित होते हैं।