धनवार: जिले के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। मरीजों के लिए खरीदी गई लाखों रुपये की जीवनरक्षक दवाएं सड़क पर फेंकी मिली हैं। यह चौंकाने वाला दृश्य राजधनवार के धनवार-सरिया मुख्य मार्ग पर बिरनी प्रखंड की सीमा के पास देखने को मिला। इस घटना की जानकारी रविवार को स्थानीय ग्रामीणों को हुई, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे
घटना की सूचना मिलते ही श्रीरामडीह पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अंसारी भाई और पंचायत समिति सदस्य भीमदेव यादव मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने देखा कि वैक्सीन, इंजेक्शन, टेबलेट और अन्य आवश्यक दवाएं — जिनमें से अधिकांश की एक्सपायरी डेट भी नहीं गुज़री थी — खुलेआम सड़क किनारे फेंकी गई थीं। लोगों ने बताया कि दवाओं से भरे करीब दस से अधिक बोरे यहां पड़े हुए थे।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
स्थानीय लोगों द्वारा उपायुक्त को सूचना दिए जाने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में सीआई रामलखन मिस्त्री, परसन ओपी की पुलिस टीम और अस्पताल कर्मी एक एम्बुलेंस के साथ मौके पर पहुंचे। फेंकी गई सभी दवाओं को एंबुलेंस में भरकर धनवार स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
चिकित्सा प्रभारी ने जताई अनभिज्ञता
पूरे मामले पर जब धनवार स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ. इंदुशेखर से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह दवाएं उनके केंद्र से संबंधित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने खुलेआम इस तरह दवाएं फेंकने की निंदा की और इसे बेहद गलत बताया।
जिम्मेदार कौन? उठ रहे हैं कई सवाल
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इतनी बड़ी मात्रा में दवाएं किसने और क्यों फेंकी। यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या यह दवाएं किसी सरकारी गोदाम से गायब हुईं थीं, या फिर किसी ठेकेदार या एजेंसी द्वारा लापरवाहीपूर्वक फेंकी गई हैं। यदि ये दवाएं मरीजों को वितरित की जानी थीं, तो आखिर इन्हें फेंकने के पीछे क्या कारण रहा?
जनहित में कड़ी कार्रवाई की मांग
इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है और आम लोगों के बीच असंतोष फैलाया है। जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए जिससे भविष्य में दवाओं का इस प्रकार दुरुपयोग या अपव्यय न हो।

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।