गिरिडीह: मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के लेदा पंचायत अंतर्गत करमाटांड़ गांव में गुरुवार को जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच जबरदस्त झड़प हो गई। इस खूनी संघर्ष में दोनों ओर से 10 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, गांव में जमीन की नापी का कार्य चल रहा था। इसी दौरान विवाद बढ़ गया और देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडा, पत्थर और टांगी से हमला शुरू हो गया। पूरा इलाका कुछ समय के लिए रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।
पहला पक्ष (जितनेदार वर्मा पक्ष)
इस पक्ष से जितनेदार वर्मा (पिता–चिंतामणि वर्मा), उनकी पत्नी रेनू वर्मा, भाई केशव वर्मा और मां भुनेश्वरी देवी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। परिजनों का आरोप है कि हमला जान से मारने की नीयत से किया गया। सबसे गंभीर बात यह है कि केशव वर्मा घायल अवस्था में हैं, बावजूद इसके पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
पहले पक्ष का यह भी कहना है कि जमीन विवाद को लेकर 10 जनवरी को ही पुलिस को लिखित आवेदन दिया गया था, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही है। अगर समय रहते प्रशासन सक्रिय होता, तो इस तरह की बड़ी घटना को रोका जा सकता था।
दूसरा पक्ष (अमित वर्मा पक्ष)
दूसरे पक्ष से अमित वर्मा, दिनेश वर्मा (पूरा परिवार), बहादुर महतो एवं उनके बेटे पुटो, रीतलाल महतो, सीताराम महतो, हुरो महतो, शिव कुमार और सूरज वर्मा समेत कई लोग इस झड़प में शामिल थे। इनके भी कई सदस्य घायल हुए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि विवाद की शुरुआत जमीन की नापी को लेकर हुई थी। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगा रहे हैं।
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने कहा है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
विवाद के पीछे पुलिस की लापरवाही और एकतरफा कार्रवाई का आरोप हैं वहीं घायलों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।