रांची: दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से ठीक पहले झारखंड में मौसम ने करवट ले ली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। रांची स्थित मौसम केंद्र ने 16 जून से 19 जून 2025 तक के लिए यलो और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। इस दौरान राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश की संभावना जताई गई है।
सोमवार 16 जून को यलो अलर्ट
हफ्ते की शुरुआत के साथ ही मानसून की पहली धमक देखने को मिलेगी। सोमवार को लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, रांची, खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। यह बारिश राज्य में मानसून के प्रवेश की शुरुआत मानी जा रही है।
मंगलवार 17 जून को ऑरेंज अलर्ट
मंगलवार को राज्य में बारिश और अधिक प्रबल होने की संभावना है। गुमला, सिमडेगा और खूंटी जिलों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की आशंका है, जिसके मद्देनज़र ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही लातेहार, लोहरदगा, रांची और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में भी भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। इन क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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बुधवार 18 जून को उत्तरी जिलों पर मेहरबान रह सकता है मानसून
18 जून को मानसून का असर उत्तर और मध्य झारखंड के जिलों में ज्यादा देखने को मिलेगा। कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिलों में बहुत भारी बारिश का अनुमान है। इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा चतरा, पलामू, लातेहार, देवघर, जामताड़ा और धनबाद में भी भारी बारिश की संभावना को देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
गुरुवार 19 जून: पूर्वी झारखंड में छाए रहेंगे बादल
हफ्ते के अंत यानी गुरुवार को झारखंड के पूर्वी और उत्तरी जिलों में मौसम अधिक प्रभावित रहेगा। हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, देवघर, जामताड़ा और दुमका जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि इस दिन अधिकतर इलाकों में बादल छाए रह सकते हैं और बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी।
मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थिति अनुकूल
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पूरे देश में मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसमी परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। अगले 24 घंटों में मानसून गुजरात, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है। वहीं, अगले तीन दिनों में इसके पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक विस्तार की संभावना है।
चक्रवात और टर्फ रेखा हैं मुख्य कारण
मौसम में इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण दक्षिण बांग्लादेश और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण है। इसके साथ ही पूर्वी मध्य प्रदेश से बांग्लादेश तक फैली टर्फ रेखा भी राज्य में वर्षा को बढ़ावा दे रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी ऊपरी हवा में चक्रवात सक्रिय है, जो वर्षा की गतिविधियों को और तीव्र कर सकता है।