गिरिडीह/जमुआ: गिरिडीह जिले के जमुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरा गांव से एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद घटना सामने आई है। गांव के एक ही परिवार के छह सदस्य जंगली मशरूम खाने के बाद फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। सभी की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है।
जानकारी के अनुसार, घाघरा गांव निवासी राजेश वर्मा गुरुवार को दोपहर जंगल से बारिश के बाद उगा सफेद रंग का मशरूम तोड़कर घर लाए। उन्होंने इसे खाने योग्य समझा और पत्नी से मशरूम की सब्जी बनाने को कहा। परिवार ने खुशी-खुशी रात को भोजन में मशरूम की सब्जी खाई। भोजन के कुछ ही देर बाद पति-पत्नी और उनके चार बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी।
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जिसके बाद सभी को उल्टी, चक्कर और बेचैनी की शिकायत होने लगी। शुरू में परिजनों ने इसे सामान्य गैस या बदहजमी का असर समझा, लेकिन हालत बिगड़ती देख पड़ोसियों की मदद से सभी को जमुआ स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को गंभीर स्थिति में गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
फिलहाल सभी मरीजों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है और डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी हालत पर नजर बनाए हुए है।
डॉक्टरों ने दी चेतावनी, जंगली मशरूम अक्सर जहरीले होते हैं और खासकर बारिश के मौसम में इनके विषैले होने की संभावना और भी अधिक हो जाती है। बिना विशेषज्ञ की पहचान के ऐसे मशरूम का सेवन जानलेवा साबित हो सकता है। ग्रामीण इलाकों में लोग आमतौर पर जंगल से लाई गई मशरूम का उपयोग करते हैं, लेकिन यह घटना एक सख्त चेतावनी है कि जंगल से लाई गई किसी भी खाद्य वस्तु का सेवन करते समय पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।