गिरिडीह: खंडोली, जो वर्षों से गिरिडीहवासियों और बाहर से आने वाले पर्यटकों को अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण से लुभाता रहा है, अब एक नए कलेवर में नजर आएगा। झारखंड सरकार इस पर्यटन स्थल को इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके लिए व्यापक स्तर पर योजना तैयार कर काम की शुरुआत हो चुकी है।
परियोजना की जानकारी देते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार ने बताया कि खंडोली सिर्फ गिरिडीह नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर है। उन्होंने कहा कि इसे और बेहतर स्वरूप देने के लिए हम पूरी गंभीरता से कार्य कर रहे हैं।
दो स्थानों पर बनेंगे आधुनिक कॉटेज
पर्यटकों के ठहराव को लेकर सरकार ने विशेष पहल की है। खंडोली के दो अलग-अलग स्थानों पर आधुनिक सुविधाओं से लैस कॉटेज बनाए जाएंगे। एक स्थान मधइया (देवघर रोड के किनारे) और दूसरा मधवा (जामताड़ा रोड के पास) चुना गया है। दोनों ही स्थानों पर कॉटेज के साथ किचन, डाइनिंग हॉल, वाशरूम सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
पार्क और पिकनिक स्पॉट से मिलेगा पर्यटकों को नया अनुभव
मंत्री ने जानकारी दी कि मधवा क्षेत्र को खंडोली से जोड़ने के लिए एक चौड़ी सड़क बनाई जा रही है, जिससे दोनों पर्यटन स्थल आपस में सहज रूप से जुड़ सकें। मधवा क्षेत्र में वन विभाग की भूमि है जहां पार्क और पिकनिक स्पॉट तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य लोगों को प्रकृति की गोद में सुकून के पल बिताने का अवसर देना है।
मरीन ड्राइव जैसी सड़क से बढ़ेगा आकर्षण
परियोजना के तहत खंडोली डैम के किनारे-किनारे एक सड़क का निर्माण भी किया जाएगा, जिसे मरीन ड्राइव की तरह विकसित किया जाएगा। यह सड़क पर्यटकों को खासा आकर्षित करेगी। इसके अलावा वाच टावर का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे पर्यटक पूरी खंडोली झील और इसके आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।
एक साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट: डीएफओ
गिरिडीह के डीएफओ मनीष तिवारी ने बताया कि मंत्री के निर्देशानुसार खंडोली को इको टूरिज्म की दृष्टि से विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत कॉटेज, पार्क, पिकनिक स्पॉट, मरीन ड्राइव, वाच टावर सहित कई नवाचार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना को एक वर्ष के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि खंडोली विदेशी पक्षियों के आगमन के लिए भी प्रसिद्ध है। हर साल सर्दियों में ये पक्षी यहां आते हैं और डैम की सतह पर उनकी चहचहाहट और अटखेलियां पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। आने वाले समय में यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनकर उभरेगा।