कोलकाता के ताज बंगाल होटल में आयोजित ZRUCC (Zonal Railway Users Consultative Committee) बैठक में गिरिडीह–कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के मुख्य सदस्य मुकेश कुमार जालान ने पूर्वी रेलवे के विकास और यात्री सुविधाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
उन्होंने सबसे पहले मधुपुर–न्यू गिरिडीह–कोडरमा रेल लाइन के दोहरीकरण पर जोर देते हुए कहा कि यह परियोजना पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के लिए बेहद जरूरी है। साथ ही गिरिडीह से पटना और कोलकाता के लिए सीधी रेल सेवा शुरू करने की मांग की, क्योंकि प्रतिदिन हजारों यात्री शिक्षा, चिकित्सा और व्यावसायिक कारणों से इन शहरों की यात्रा करते हैं।
जालान ने हावड़ा–पटना वंदे भारत एक्सप्रेस का मधुपुर स्टेशन पर ठहराव सुनिश्चित करने की बात कही ताकि गिरिडीह और कोडरमा के यात्रियों को सीधा लाभ मिल सके। उन्होंने आसनसोल–हटिया एक्सप्रेस में सामान्य डिब्बों की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 करने, एक अतिरिक्त AC-3 कोच जोड़ने और महेशमुंडा व सलैया स्टेशनों पर इसका ठहराव देने का सुझाव दिया।
उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि हावड़ा–गया वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसकी सीटें अक्सर खाली रहती हैं, उसे सप्ताह में तीन दिन गया–कोडरमा–न्यू गिरिडीह–मधुपुर–आसनसोल होकर हावड़ा तक चलाया जाए। इससे यात्रियों को सीधी सुविधा मिलेगी और रेलवे की आय भी बढ़ेगी।
बैठक में जालान ने टुंडी रोड के जर्जर रेलवे ओवरब्रिज को बदलकर डबल लेन पुल बनाने, गिरिडीह की बंद रेलवे लाइब्रेरी को फिर से शुरू करने, अंटाबंगला मैदान को खेल और पार्क के रूप में विकसित करने, तथा सलैया स्टेशन का नाम बदलकर “पचम्बा स्टेशन” करने की भी मांग की।
गिरिडीह जिला संयोजक शाहिल शर्मा भी मौजूद थे, जिन्होंने इन सभी मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि ये सुझाव वास्तव में पूरे क्षेत्र की जरूरतों को दर्शाते हैं।