डिग्री और इंटर्नशिप के बाद भी परीक्षा जरूरी! डॉक्टर ऋषि रिशव ने कहा – आयुष के साथ सौतेला व्यवहार

Abhimanyu Kumar
2 Min Read
डा ऋषि रिसव, होम्योपैथिक चिकित्सक
Highlights
  • आयुष कोर्स (आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, होम्योपैथी) करने वाले छात्रों के लिए NEXT-AYUSH परीक्षा अनिवार्य।
  • डिग्री और 1 साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद भी परीक्षा पास न करने पर प्रैक्टिस की अनुमति नहीं।
  • होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ऋषि रिसव ने कहा – "कदम अच्छा है, लेकिन इसे सभी चिकित्सा पद्धतियों पर लागू किया जाए।
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युर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी जैसे आयुष कोर्स करने वाले छात्रों को अब डिग्री के साथ-साथ नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT-AYUSH) पास करना जरूरी होगा। यदि छात्र साढ़े पांच साल की पढ़ाई और एक साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद भी यह परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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2027 में हो सकती हैं पहली परीक्षा…

आयुष मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी ने 2024 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट की समीक्षा के बाद केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने एनसीआईएसएम (NCISM) और एनसीएच (NCH) अधिनियम, 2020 के तहत यह निर्णय लिया कि 2021-22 शैक्षणिक सत्र से नामांकित छात्रों पर नेशनल एग्जिट टेस्ट लागू होगा। इसके लिए एनसीआईएसएम और एनसीएच के चेयरमैन को प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश aw दिए गए हैं।

आयुष पाठ्यक्रम के 2021-22 के पहले बैच की अंतिम परीक्षा जुलाई 2026 में होगी। इसके बाद अक्टूबर 2026 से एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शुरू होगी। इस प्रकार पहली NEXT परीक्षा 2027 में आयोजित होने की संभावना है।

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छात्रों में नाराजगी

कई आयुष छात्रों ने इस फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि साढ़े छह साल की पढ़ाई और इंटर्नशिप पूरी करने के बाद प्रैक्टिस के लिए अतिरिक्त परीक्षा देना हताश करने वाला और निराशाजनक निर्णय है।

डा ऋषि रिसव, होम्योपैथिक चिकित्सक

होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ऋषि रिसव ने इस फैसले को लेकर कहा, 

यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसे स्वास्थ्य के हर पैथी में एकसाथ लागू करना चाहिए, सिर्फ आयुष के साथ करना सौतेलापुर्ण व्यवहार है ।

साथ ही जनसाधारण में आयुष के जागरूकता हेतु सरकार को ध्यान देना चाहिए। आयुष डाक्टरों के लिए वर्षों से अंधेरे में लटके एवं नये नियुक्तियों में तेजी लाने की आवश्यकता है।

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