रांची: झारखंड में छात्रवृत्ति को लेकर छात्रों की बढ़ती परेशानियों पर राजनीति तेज हो गई है। राज्य के प्रतिपक्ष के नेता एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि झारखंड के विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह बेपरवाह और संवेदनहीन बनी हुई है।
मरांडी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “यह युवा पीढ़ी के सपनों, आकांक्षाओं एवं भविष्य से खिलवाड़ नहीं तो और क्या है? स्कॉलरशिप के अभाव में कई छात्रों का एडमिशन तक नहीं हो पा रहा है। कई छात्रों को कक्षा में शामिल होने या परीक्षा देने से भी रोका जा रहा है। आखिर इस परिस्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है?”
उन्होंने आगे लिखा कि अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए अब छात्र कर्ज लेने को मजबूर हैं। यह स्थिति न केवल चिंताजनक है बल्कि सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को भी दर्शाती है। मरांडी ने सवाल उठाया कि “अगर सरकार छात्रवृत्ति देने में सक्षम नहीं है, तो फिर छात्रों से फॉर्म भरवाकर उम्मीद क्यों जगाई गई?”
बीजेपी नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड जैसे राज्य में आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर जनता को सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले जनता से कई लोकलुभावन वादे किए गए, लेकिन सरकार एक भी योजना को ढंग से लागू नहीं कर पा रही है।
मरांडी ने कहा कि सरकार की नीतियों की मार सबसे अधिक गरीब एवं ग्रामीण विद्यार्थियों पर पड़ रही है, जो छात्रवृत्ति के भरोसे अपनी पढ़ाई पूरी करने का सपना देखते हैं। उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज करने की मांग की है।