रांची: झारखंड के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने सोमवार को रांची के मोरहाबादी स्थित कल्याण कॉम्प्लेक्स में छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी समेत विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों ने मंत्री को छात्रवृत्ति वितरण की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक पिछड़ा वर्ग के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कुल 11.34 लाख छात्रों को लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 7.45 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में ₹1202.89 करोड़ की राशि सफलतापूर्वक ट्रांसफर की जा चुकी है।
मंत्री चमरा लिंडा ने समीक्षा के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि छात्रवृत्ति योजना में देरी का प्रमुख कारण केंद्र सरकार से राशि का समय पर निर्गत न होना है। उन्होंने बताया कि करीब ₹900 करोड़ की राशि केंद्र सरकार से अब तक प्राप्त नहीं हुई है, जिसके कारण शेष पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में बाधा आ रही है।
मंत्री ने कहा, “छात्रवृत्ति केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समान अवसर का प्रतीक है। हमारी सरकार की मंशा है कि कोई भी योग्य छात्र अपनी पढ़ाई से वंचित न रहे। राज्य सरकार ने केंद्र को इस संबंध में विस्तृत जानकारी भेज दी है और जल्द राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित व मजबूत बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। विभाग को निर्देश दिया गया है कि राशि उपलब्ध होते ही लंबित छात्रों को शीघ्र छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाए, ताकि उनकी पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न आए।
बैठक के दौरान मंत्री ने छात्रवृत्ति पोर्टल की कार्यप्रणाली, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, सत्यापन व्यवस्था और बैंक भुगतान की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पारदर्शिता और समयबद्धता को प्राथमिकता दी जाए, ताकि किसी भी छात्र को दोबारा आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।