गिरिडीह – जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह द्वारा शनिवार को व्यवहार न्यायालय में परिवारिक वाद और चेक बाउंस मामलों पर विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान मासिक लोक अदालत भी आयोजित हुई, जिसमें कुल 86 मामलों का निपटारा किया गया और 28 लाख 31 हजार 650 रुपये की सुलहनीय राशि वितरित की गई।
यह विशेष लोक अदालत झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार आयोजित की गई। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह श्री मनोज चंद्र झा (प्रभार) और सचिव श्रीमती सीमा मिंज (प्रभार) ने किया।
न्यायालय के बोझ में कमी, पक्षकारों को राहत
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मनोज चंद्र झा ने बताया कि इस विशेष लोक अदालत का उद्देश्य आम नागरिकों और पक्षकारों को सहमति के आधार पर मामलों का शीघ्र समाधान प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से मामलों का त्वरित निपटारा होने से न केवल न्यायालय पर बोझ कम होता है, बल्कि पक्षकारों को समय और धन की भी बचत होती है।
सचिव श्रीमती सीमा मिंज ने लोक अदालत में उपस्थित अधिवक्ताओं और पक्षकारों की सराहनीय भागीदारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन न्यायिक प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाते हैं। उन्होंने सभी पक्षकारों को लोक अदालत का लाभ उठाने और अपने मामलों का शीघ्र समाधान कराने की अपील की।
गिरिडीह न्यायमंडल द्वारा इस विशेष लोक अदालत को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयास किए गए। अपर कुटुंब न्यायाधीश श्री अमित कुमार सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारियों और पैनल अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर मामलों को चिन्हित किया गया था। पूर्व में ही पक्षकारों को नोटिस भेजकर सूचित किया गया था।
लोक अदालत के लिए कुल पांच पीठों का गठन किया गया, जहां पीठासीन पदाधिकारियों ने आवंटित मामलों का निपटारा किया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी श्री प्रिया, न्यायिक पदाधिकारी साक्षी श्रीवास्तव, गिरिडीह न्यायमंडल के सभी न्यायिक पदाधिकारी, विद्वान अधिवक्ता, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, न्यायालय कर्मी, पारा लीगल वालंटियर्स और मीडिया कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।