गिरिडीह: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना में गांडेय के बड़कीटांड़ पंचायत में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। योजना के तहत तीन महीने की राशि महिला लाभुकों के खाते में भेजी जानी थी, लेकिन कई लाभुकों के खातों में तकनीकी और प्रशासनिक त्रुटियों के कारण राशि नहीं पहुंच सकी। इससे परेशान महिलाओं ने प्रखंड और पंचायत कार्यालयों में भीड़ लगानी शुरू कर दी है।
अयोग्य लाभुकों के नाम सूची से नहीं हटे, बीडीओ ने मांगा स्पष्टीकरण
गांडेय बीडीओ निशात अंजुम ने मंईयां सम्मान योजना में अनियमितता को लेकर पंचायत सचिव जय नारायण चौधरी से स्पष्टीकरण तलब किया है। बड़कीटांड़ पंचायत में विभागीय आदेश के बावजूद अयोग्य लाभुकों का नाम सूची से नहीं हटाया गया। भौतिक सत्यापन के बाद भी यह लापरवाही प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है।
बीडीओ ने पंचायत सचिव को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि 24 घंटे के भीतर इस मामले में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा वरीय अधिकारियों से की जाएगी।
उप मुखिया की पत्नी पर भी लगे गंभीर आरोप
पोषण सखी सह आंगनबाड़ी सेविका बेगम खालिदा, जो पांडेयडीह आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत हैं और बड़कीटांड़ पंचायत के उप मुखिया की पत्नी हैं, का नाम भी अयोग्य लाभुकों की सूची में शामिल है। विभागीय गाइडलाइंस के अनुसार, वह मंईयां सम्मान योजना के लाभ के लिए अयोग्य पाई गईं। इसके बावजूद उनका नाम सूची में बना हुआ है।
बीडीओ ने इसे सरकारी कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही करार दिया है। भौतिक सत्यापन के बावजूद लाभुकों के नाम नहीं हटाना नियमों का उल्लंघन है।
जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर ने की शिकायत
इससे पहले गांडेय प्रखंड के जूनियर इंजीनियर (जेई) और असिस्टेंट इंजीनियर (एई) ने बीडीओ को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उप मुखिया की पत्नी बेगम खालिदा पोषण सखी के पद पर रहते हुए योजना का लाभ ले रही हैं। इन आरोपों के बाद पंचायत सचिव से जवाब मांगने की कार्रवाई की गई।

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