राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया गया न्यूट्री गार्डेन/पोषण वाटिका से संबंधित प्रशिक्षण


 

राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र, गिरिडीह में न्यूट्री गार्डेन का प्रशिक्षण आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया गया। ताकि आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्र एवं अन्य माध्यमों के द्वारा धात्री महिलाओं गर्भवती महिलाओं एवं किशोरियों तथा बच्चों पौष्टिक आहार एवं उचित पोषण के बारे जानकारी उपलब्ध कराएं। प्रशिक्षण के दौरान आंगनबाड़ी साहियाओ/सेविकाओं को सही पोषण देश रौशन का संकल्प दिलाया गया। इसके अलावा पोषण के 5 सूत्र 1. जीवन के प्रथम 1000 दिन, 2. पौष्टिक आहार, 3. एनीमिया की रोकथाम, 4. डायरिया से बचाव, 5. स्वच्छता एवं साफ सफाई से संबंधित जानकारी दी गई। साथ ही पोषण अभियान में विशेष रुप से कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर एवं सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करने हेतु निर्देशित किया गया। 

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पोषण अभियान के अंतर्गत जिले के सभी प्रखंड एवं पंचायत में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र एवं विभिन्न माध्यमों से पौष्टिक आहार एवं उचित पोषण की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि धात्री महिला एवं किशोरियों को पौष्टिक आहार एवं उचित भोजन उपलब्ध करा कर कुपोषण को खत्म किया जा सकें। पोषण माह का मुख्य उद्देश्य है 0-6 माह के बच्चे, गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरियों में व्याप्त कुपोषण एनीमिया को दूर कर उनके पोषण स्तर में सुधार करना इसके तहत पोषण अभियान के पांच पुत्रों का पालन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जा रहा है। एवं गर्भवती महिलाओं/किशोरियों तथा धात्री माताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। पोषण अभियान के तहत जन जन के बेहतर आहार और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित किया जा रहा है। विशेषकर बच्चों/किशोरियों/गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को बेहतर एवं उचित पोषण अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा पौष्टिक आहार यथा हरी सब्जियां उचित पौष्टिक चीजों से बनाए गए सेरेलैक व अन्य पौष्टिक भोजन के लाभ से संबंधित जानकारी दी जा रही है। साथ ही बच्चों को अन्नप्राशन के साथ महिलाओं की गोद भराई भी कराया जा रहा है। पोषण अभियान गर्भवती महिलाएं, धात्री माताओं तथा नवजात शिशु, किशोरियां एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य की ओर सुदृढ कदम है। इसके साथ ही समाज को पोषण के क्षेत्र में जागरूक करने के साथ-साथ अन्य ग्रामीण महिलाओं को अपने घरों के आसपास पोषण वाटिका बनाने हेतु प्रेरित किया गया।


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