ठंड का प्रवेश और गरीबों के बदन पर कपड़े का अभाव।


 

गिरीडीह  सुजाता भारती, अंग्रेजी ऑनर्स की छात्रा की एक छोटी पहल ने बिरहोर जनजाति के बच्चों के  बीच वस्त्र, किताबें, बिस्किट, सैनिटरी पैड्स और चॉकलेट बांट कर उनके चेहरे पर एक मुस्कान लाने का सराहनीय प्रयास किया है। यह कार्यक्रम शीतलपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में संकल्प संस्था की मदद से संभव हो पाया। संस्था के कोऑर्डिनेटर 

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सोमनाथ जी सहित विपुल वर्मा, आकाश वर्मा, पल्लवी भारती, शशिकांत  वर्मा ,अनुराधा, उत्पल, नंदलाल तथा विवेक ने मिलकर इस मुहिम को सफल बनाया। आकाश जी ने उनके लिए चॉकलेट की व्यवस्था की, तो वहीं स्वाति जी ने सैनिटरी पैड्स मुहैया करवाई। सोमनाथ जी का इस संस्था में योगदान, शशि कांत वर्मा द्वारा बच्चों के लिए बुक्स का वितरण किया गया बच्चे लोग बहुत खुश हुए ।आज भी इंसानियत जीवित है , इस बात का प्रमाण है। सुजाता जी की हास्यपद अंदाज में बच्चों से रूबरू होना, बच्चों के होठों से हंसी बाहर खींच कर ले आयी। कुछ बच्चों को उनके पिता के लिए भी फुलपैंट का वितरण किया गया। गांव की माताएं आशीर्वाद, दुआएं देती और इस नेक कार्य के लिए सराहती। सुजाता जी आत्मसंतुष्टि से कहती हैं :- “बिना किसी स्वार्थ के एक छोटी सी मुस्कान उस बच्चे के चेहरे पर ला कर तो देखो, दिल में आत्म संतुष्टि की छटा बिखर जाएगी। उन छोटे हाथों में चॉकलेट थमा कर देखो, उनकी दीवाली मन जाएगी। बदन पर संगबिरंगी फ्रॉक सजाकर देखो, उनके कदम आंगन में दौड़ जाएंगे। “


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