राज्य सरकार ने नदी, तालाब, डैम, लेक आदि के किनारे छठ पूजा के आयोजन पर लगाया प्रतिबंध


 

राची : राज्य सरकार ने नदी, तालाब, डैम, लेक आदि के किनारे छठ पूजा के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोरोना संक्रमण फैलने की आशंकाओं को केंद्र में रखकर राज्य सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी ने रविवार की देर रात इससे संबंधित दिशानिर्देश जारी कर दिया। दिशानिर्देश के मुताबिक इस मौके पर संबंधित स्थलों की न तो साज-सज्जा होगी, न ही कोई स्टॉल लगेंगे, न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और न ही आतिशबाजी ही होगी।

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जारी दिशानिर्देश के अनुसार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दो गज की दूरी से संबंधित केंद्र के दिशानिर्देश का अनुपालन अनिवार्य है। सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा के दौरान छठ व्रती पूरे विधि विधान के साथ नदी, तालाबों में स्नान करते हैं। ऐसे स्थलों पर भारी भीड़ उमड़ती है। अगर पूजा की अनुमति दे दी जाए तो दो गज की दूरी के दिशानिर्देश का अनुपालन मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में यह प्रतिबंध आवश्यक है।

बताते चलें कि आस्था के महापर्व छठ का आयोजन इस वर्ष 18 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा। 19 को खरना होगा। जबकि छठ व्रती 20 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य और 21 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देंगे। इधर, छठ को लेकर राजधानी रांची सहित राज्य के लगभग छठ घाटों की साफ-सफाई का कार्य जहां अंतिम चरण में था, वहीं सैकड़ों घाटों की रंग-रोगन प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। मालूम हो कि झारखंड की बड़ी आबादी हर साल छठ पूजा में शामिल होती है। छठ पूजन की सामग्री की खरीद से लेकर छठ घाटों तक पर काफी भीड़ उमड़ती है।


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