आज जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग गिरिडीह के तहत राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया गया, जिसके द्वारा उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के विषय में बताया गया। बताया गया कि इस अधिनियम में राष्ट्रीय, जिला और राज्य स्तरों पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की स्थापना का प्रावधान है।जिसमें निम्न प्रकार के कारणों का निपटारा होगा-अधिक मूल्य वसुलना यह स्पष्ट कीमत वसूलना,, अनुचित या प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार,, जीवन के लिए खतरनाक वस्तुओं और सेवाओं के बिक्री, दोषपूर्ण वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग राष्ट्रीय ,राज्य और जिला ,विवाद निवारण आयोग के अधिकार क्षेत्र को तय कर दिया गया है। मौके पर DSO गौतम भगत, और कई गणमान्य लोग उपस्थित है।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस?
24 दिसंबर साल 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित किया गया था. वहीं, साल 1991 और 1993 में इस अधिनियम में संशोधन किए गए. इस अधिनियम को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल में लाने के लिए साल 2002 के दिसंबर महीने में एक व्यापार संशोधन लाया गया. इसके बाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को 15 मार्च 2003 से लागू किया गया. उपभोक्ता संरक्षण नियम को 1987 में भी संशोधित किया गया था. इसके बाद 5 मार्च 2004 को इसे पूर्ण रूप से मान्यता दी गई. साल 2000 में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस को पहली बार मनाया गया था. इसके अलावा, हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) मनाया जाता है. हर साल 24 दिसंबर को जगह-जगह सेमिनार का आयोजन कर उपभोक्ताओं को जागरूक भी किया जाता है.
उपभोक्ता के मुख्य अधिकार
-सुरक्षा का अधिकार
-सुने जाने का अधिकार
-निवारण का अधिकार
-उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
-सूचना का अधिकार
-चुनने का अधिकार
रिपोर्ट :अभिषेक कुमार