झारखंड को मिली दो नयी एक्सप्रेस-वे सड़कों की सौगात


 

झारखंड में दो नये एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जायेगा. भारत सरकार ने ‘भारत माला प्रोजेक्ट’ के तहत इन दोनों योजनाओं का चयन किया है. दोनों एक्सप्रेस-वे ‘ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट’ के रूप में तैयार किये जायेंगे. एक एक्सप्रेस-वे छत्तीसगढ़ के रायपुर से बिलासपुर-गुमला-रांची-बोकारो होते हुए धनबाद तक बनेगा, जिसकी लंबाई करीब 707 किमी होगी.

                            –विज्ञापन

इसके तहत ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक की सड़क को ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में शामिल किया जा रहा है. वहीं, दूसरा एक्सप्रेस-वे ओड़िशा के संबलपुर से रांची तक बनेगा. इसके तहत ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 146.2 किमी होगी. ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के तहत बननेवाली सड़कें पूरी तरह से नयी होंगी. इसमें कहीं सिक्सलेन और कहीं-कहीं फोरलेन सड़कें बनेंगी, जो खेतों-खलिहानों से गुजरेंगी. इस सड़क में कम संख्या में तीखे और घुमावदार मोड़ होंगे.

जानकारी के अनुसार, दोनों योजनाओं की भौतिक जांच करा ली गयी है. जल्द ही इस दिशा में एनएचएआइ आगे बढ़ेगा. रायपुर से आनेवाली सड़क को एनएच-33 पर ओरमांझी से सिकिदिरी होते हुए गोला तक निकाला जायेगा. इसके बाद गोला से बोकारो तक ग्रीन फील्ड सड़क बनेगी. इसका एलाइनमेंट जल्द तय किया जायेगा. प्रयास किया जा रहा है कि नया एक्सप्रेस-वे बेहतर बने और यह मौजूदा सड़क के बढ़िया विकल्प के रूप में तैयार हो सके.

                                –विज्ञापन

क्या है ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट :

इस प्रोजेक्ट के तहत खेत-खलिहान से होती हुई सीधी सड़क बनायी जायेगी. इसके निर्माण में रिजर्व फॉरेस्ट को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचायी जायेगी. वहीं, इसके लिए किसी तरह का अतिक्रमण या संरचना हटाने की जरूरत भी नहीं होती है. इसके लिए ज्यादातर सरकारी भूमि या कृषि भूमि की जरूरत पड़ती है, इसलिए जमीन अधिग्रहण में ज्यादा परेशानी नहीं होती है. कृषि भूमि होने के कारण मुआवजा राशि भी कम होती है.

                               –विज्ञापन

क्या होता है एक्सप्रेस-वे :

भारतीय सड़क नेटवर्क में एक्सप्रेस-वे सबसे उच्च वर्ग की सड़कें होती हैं. ये छह या आठ लेन के नियंत्रित-प्रवेश राजमार्ग हैं, जहां प्रवेश और निकास को छोटी सड़कों के जरिये नियंत्रित किया जाता है. फिलहाल, भारत में लगभग 1455.4 किमी एक्सप्रेस-वे है.

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (भारत सरकार) का मकसद 2022 तक इस एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का विस्तार करके अतिरिक्त 18636 किमी एक्सप्रेस-वे जोड़ने का है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत संचालित राष्ट्रीय एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण, एक्सप्रेस-वे के निर्माण और रखरखाव का प्रभारी होगा. अगर विश्व स्तर पर तुलना की जाये, तो भारत में एक्सप्रेस वे का घनत्व काफी कम है.

पूरी तरह से नयी होंगी ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के तहत बननेवाली सड़कें सिक्सलेन या फोरलेन होंगी. क्षति, कोई अतिक्रमण या संरचना हटाने की भी जरूरत नहीं

रायपुर-बिलासपुर-गुमला-रांची

-बोकारो-धनबाद एक्सप्रेस-वे

लंबाई 707 किमी

(सिक्सलेन/फोरलेन)

इसमें ओरमांझी-गोला-बोकारो

तक की सड़क को ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट

में शामिल किया गया है.

संबलपुर से रांची एक्सप्रेस-वे

लंबाई 146.2 किमी

(सिक्सलेन/फोरलेन)

इस पूरी सड़क को ग्रीन

फील्ड प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है.

टोरी-खलारी सेक्शन पर बनेगा रेलवे ओवरब्रिज

एनएच 99 पर स्थित टोरी-खलारी सेक्शन पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराया जायेगा. इस मार्ग पर काफी समय से रेलवे ओवरब्रिज बनाने का मामला लटका हुआ था. ऐसे में एनएच झारखंड उपभाग भी इसके निर्माण में लगा था. एनएच झारखंड उपभाग ने इसकी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा था. वहां से स्वीकृति मिलने और रेलवे के साथ सारी प्रक्रियाएं पूरा कर लेने के बाद इसका टेंडर जारी किया गया है. इस रूट पर आरओबी नहीं रहने के कारण अक्सर सड़क जाम रहती है.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page