झारखंड बनने के 20 साल बाद अब अगले सत्र से नि:शक्त बच्चों के लिए आठ आवासीय स्कूल खोले जाएंगे। इन स्कूलों में बच्चाें के रहने-खाने की व्यवस्था नि:शुल्क हाेगी। किताब-काॅपियां और अन्य शिक्षण सामग्री भी मुफ्त मिलेगी। इन स्कूलाें में फिलहाल संविदा पर पांच-पांच शिक्षकाें की नियुक्ति हाेगी, जिनमें से एक प्रभारी प्रधानाध्यापक हाेंगे।
इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हाे चुकी है। अन्य कर्मचारी भी संविदा पर ही रखे जाएंगे। हाॅस्टल के लिए आउटसाेर्सिंग की व्यवस्था की जाएगी। अभी रांची में नेत्रहीन और मूक-बधिर बच्चाें के लिए एक-एक और दुमका में मूक-बधिर बच्चाें के लिए एक स्कूल है। ये तीनों स्कूल संयुक्त बिहार में ही खोले गए थे।
50-50 स्टूडेंट्स का हाेगा एडमिशन
इन स्कूलाें में प्रथम चरण में झारखंड के 50-50 स्टूडेंट्स का एडमिशन हाेगा। एडमिशन के लिए काेई परीक्षा नहीं हाेगी। छात्राओं की संख्या अधिक हाेने पर उनके लिए अलग से स्कूल चिह्नित किया जाएगा। नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्र ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष से इन स्कूलाें में पढ़ाई शुरू हाे जाएगी।
यहां नेत्रहीन बच्चाें के स्कूल
रांची में हाई स्कूल खोले जाएंगे तो चक्रधरपुर, दुमका और देवघर में मिडिल स्कूल।
और यहां मूक-बधिर के लिए
हजारीबाग, चाईबासा, धनबाद और गुमला में मिडिल स्कूल
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