अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गिरिडीह कॉलेज ईकाई के द्वारा आज शौक्षणिक समस्याओं को दूर करने को लेकर बैठक संपन्न



गिरिडीह:- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गिरिडीह कॉलेज ईकाई के द्वारा आज दिनांक 10 फरवरी 2021 को संघ कार्यालय में गिरिडीह कॉलेज  में अघ्घयन कर रहे नए कार्यकर्ताओं की बैठक हुई । जिसमें 11वीं , 12 वीं और सेमेस्टर-1 के सैकड़ों छात्र और छात्राओं ने विघार्थी परिषद में पूर्ण रूप से जुड़ने का संकल्प लिया और कॉलेज की शौक्षणिक समस्याओं को दूर करने से लेकर कॉलेज परिसर में शिक्षा का माहौल बेहतर बनाने को लेकर, अभाविप गिरिडीह कॉलेज ईकाई को मजबूत करने की चर्चा इसके अलावे अन्य विभिन्न मुद्दों पर विस्तारित रूप से चर्चा हुई जिसमें इस बैठक में नए कार्यकर्ताओं को विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अभाविप के बारे में अभाविप के गिरिडीह जिला संयोजक कुमार गौरव ने जानकारी दी और बताया कि  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP या विद्यार्थी परिषद)।  

इसकी स्थापना 9 जुलाई, 1949 को संघ के कार्यकर्ता बलराज मधोक जी की अगुआई में की गयी थी। मुंबई के प्रोफेसर यशवंत केलकर जी इसके मुख्य कार्यवाहक बने। विद्यार्थी परिषद का नारा है – ज्ञान, शील और एकता। आज विद्यार्थी परिषद् न केवल भारत का बल्कि विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन हैं। इसकी स्थापना छात्र हित और छात्रों को उचित दिशा देने के लिए की गयी है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है। विद्यार्थी परिषद के अनुसार, छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए छात्रों में राष्ट्रवादी चिंतन को जगाना ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मूल उद्देश्य है। देश की युवा छात्र शक्ति का यह प्रतिनिधि संगठन है। इसकी मूल अवधारणा राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है।

अभाविप का नारा है छात्र शक्ति- राष्ट्रशक्ति। वैसे एवीवीपी का आधिकारिक स्लोगन – ज्ञान, शील, एकता – परिषद् की विशेषता है। यह संगठन राष्ट्रवादी छात्रों के इस संगठन की हर वर्ष देशव्यापी सदस्यता होती है। देश के सभी विश्वविद्यालयों और अधिकांश कॉलेजों में परिषद की इकाईयां हैं। अधिकांश छात्र संघों पर परिषद का ही अधिकार है। संगठन का मानना है कि आज का छात्र कल का नागरिक है। हर वर्ष होने वाले प्रांतीय और राष्ट्रीय अधिवेशनों के द्वारा नई कार्यसमिति गठित होती हैं और वर्ष भर के कार्यक्रमों की घोषणा होती है। यह एकमात्र संगठन है जो शैक्षणिक परिवार की अवधारणा में विश्वास रखता है और इसी कारण परिषद के अध्यक्ष पद पर प्रोफेसर हीं चुने जाते हैं। इसकी चार स्तरीय इकाईयां होती है। पहली कॉलेज इकाई, दूसरी नगर इकाई, तीसरी प्रांत इकाई और चौथी राष्ट्रीय इकाई। अब कई स्थानों पर जिला इकाई भी बनने लगी है | वहीं दूसरी तरफ़ अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक शर्मा ने बताया कि अभाविप अपने स्थापना काल से हीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देश व्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। आज इस संगठन से जुड़े रहे लोग समाज-जीवन के हर क्षेत्र में सक्रिय हैं और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा ३७० को हटाने के लिए विद्यार्थी परिषद समय-समय पर आदोलन चलाते रहा है। बांग्ला देश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध परिषद ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था। विद्यार्थी परिषद् देशभर के अनेक राज्यों में प्रकल्प चलाती है। बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त निर्धन मेधावी छात्र, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिय़े निजी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा सकते उनके लिये स्वामी विवेकानंद नि:शुल्क शिक्षा शिविर का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर संगठन की ओर से हरेक साल Student exchange for inter-state living का आयोजन किया जाता है जिसके अंतर्गत दूसरे राज्य में रहने वाले छात्र अन्य राज्यों में प्रवास करते हैं और वहां की संस्कृति और रहन-सहन से परिचित होते हैं। मौके पर गिरिडीह कॉलेज ईकाई की बैठक  को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने वालों में अभाविप के जिला संयोजक कुमार गौरव, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक शर्मा, आशीष सिंह, कॉलेज मंत्री उज्जवल तिवारी, कॉलेज मिडिया प्रभारी अंकित राज, नगर एसफडी प्रमुख रोशन चंद्रवंशी, कॉलेज उपाध्यक्ष सुमन चौधरी, कॉलेज सहमंत्री आयुष देव, अभिषेक कुमार, नए कार्यकर्ताओं में पूजा कुमारी, राहुल राणा, आशीष कुमार, विपुल गुप्ता,निलेश कुमार, अभय कुमार, कमलेश कुमार,अनिरुद्ध कुमार आनंद कुमार,विवेक कमल, राहुल यादव, विशाल वर्मा,पुरन भगत, राजेश शर्मा,निशंत राम, राहुल कुमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित थें।


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