नहाय-खाय के साथ आज से लोकआस्था का महापर्व चार दिवसीय चैती छठ पर्व आज से शुरू हुआ। वहीं शनिवार को व्रती दिनभर उपवास रहकर संध्या में केले के पत्ते पर घी लगी रोटी और साठी की चावल की बनी खीर, केला रख अक्षत व फूल से खरना पूजन करेंगे। वहीं, रविवार को अस्त होते सूर्य व सोमवार सुबह उदयमान सूर्य को अर्ध्य देकर छठ का अनुष्ठान पुरा करेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण कृत्रिम घाटों में अधिकतर व्रती अर्घ्य देंगे। इसको लेकर व्रतियों ने तैयारी शुरू कर दी है। मान्यता है कि छठ पर्व में सूयोर्पासना करने से छठ माता प्रसन्न होती है और परिवार में सुख, शांति, धन, धान्य से परिपूर्ण करती है
चैती छठ इस प्रकार से
16 अप्रैल- नहाय-खाय
17 अप्रैल-खरना
18 अप्रैल- संध्या अर्घ्य
19 अप्रैल- सुबह अर्ध्य सह छठ का समापन
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