कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रकोप एवं रामनवमी पर्व को देखते उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने जारी किया संयुक्त आदेश…



कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रकोप एवं रामनवमी पर्व को देखते उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने जारी किया संयुक्त आदेश…

● कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को नियंत्रित करने में सबकी सहभागिता जरूरी:- उपायुक्त…

● संवेदनशील स्थानों पर निगरानी रखने का दिया गया आवश्यक निर्देश…

● रामनवमी में किसी भी प्रकार के जुलूस/अखाड़ा की अनुमति नहीं होगी:- उपायुक्त…

● सभी अनुमंडल पदाधिकारी को अपने-अपने अनुमंडल क्षेत्रांतर्गत धारा 144 का अनुपालन सुनिश्चित करवाने का दिया गया निर्देश…

● लाउडस्पीकर, डीजे एवं अश्लील गानों पर लगाएं रोक:- उपायुक्त…

गिरिडीह:-कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए एवं इससे बचाव एवं रोकथाम हेतु उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के द्वारा संयुक्त आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार कोविड-19 दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए रामनवमी एवं चैती नवरात्र त्योहार मनाया जायेगा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रामनवमी के अवसर पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अखाड़ा/जुलूस/मेला/मंच आदि का आयोजन नहीं किया जायेगा एवं विधि व्यवस्था संधारण हेतु जुलूस/अखाड़ा/मेला/मंच जैसे गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश जारी किया गया है। इस वर्ष कोविड-19 बढ़ते संक्रमण के कारण रामनवमी का जुलूस नहीं निकालने की अनुमति दी गई है एवं चैती नवरात्र पर्व के समय भी विसर्जन में किसी भी प्रकार की भीड़/जुलूस आदि कार्यक्रम का पूर्णतया निषेद्य किया गया है। विसर्जन में 5 से अधिक व्यक्तियों पर पाबंदी लगाया गया है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिपथ में रखते हुए सामाजिक दूरी, फेस मास्क, हैंड सेनेटाईजर एवं कोविड-19 नियमों का अनुपालन के सभी के लिए अनिवार्य होगा। रामनवमी पर्व एवं चैती नवरात्र पर्व शांतिपूर्वक एवं सदभाव पूर्ण से सभी के सहयोग से मनाने का निर्णय लिया गया है। कोविड-19 के प्रकोप के कारण झारखण्ड में अनलाॅक-5 घोषित है। इस संबंध में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने का निर्देश झारखण्ड सरकार द्वारा निर्गत है सार्वजनिक स्थलों पर पूर्णतया निषेद्य है। रामनवमी पर्व-2021 के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण हेतु निम्नांकित दिशा निर्देश दिए गए हैं:-



1. कोराना वायरस के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर रामनवमी आदि त्योहारों पर सार्वजनिक स्थलों पर समारोह-सभा/जुलूस/रैली/शोभा यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। तथापि इस संबंध में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

2. ऐसे व्यक्तियों जो पूर्व में दंगा एवं साम्प्रदायिक काण्डों में संलिप्त/आरोपित रहे हों या किसी व्यक्ति विशेष के बारे में यह जानकारी हो कि वह व्यक्ति साम्प्रदायिक दंगा या अफवाह फैलाते हो तो ऐसे व्यक्तियों की सूची साथ रखें एवं वांछित विधिमान्य कार्रवाई करें।

3. हिन्दु एवं मुस्लिम संगठनों के वैसे प्रमुख गणमान्य व्यक्ति जो निष्पक्ष, ईमादार एवं स्वच्छ चरित्र के हो, जिन्हें संबंधित समाज के लोग आदर व सम्मान देते हो तथा उनके विचारों को अनुशासनिक तौर पर मानते हो का दूरभाष नम्बर अपने पास रखें एवं उनके सम्पर्क में रहे।

4. जिला में कार्यरत/क्रियाशील एन.जी.ओ. जो विशेष कर धार्मिक गतिविधियों से संबंध रखता हो, उसकी सूची नाम/पता एवं दूरभाष संख्या सहित उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्हें सद्भावनापूर्ण वातावरण बनाये रखने हेतु जनता के बीच प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिये जाये।

5. मीडियाकर्मी/पत्रकार के साथ समन्वय बनाकर रखें।

6. जिला प्रशासन सोशल मीडिया ग्रुप पर भी निगरानी रखेंगे। व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर आदि के माध्यम से प्रचारित/प्रसारित होने वाले विवादित तस्वीरों एवं संवादों पर निगरानी रखने की आवश्यकता है।

7. पशु तस्करी, अवैध बूचडखाना पर रोक लगाई जाय। तथा अवैध शराब एवं जुआ अड्डो के विरूद्ध आवश्यक विधिपूर्वक कार्रवाई की आवश्यकता है।

8. वैसे स्थान विशेष पर सतत् निगरानी की आवश्यकता है, जहां पर आये दिन छेड़खानी होती हो या होने की संभावना हो।

9. अपने-अपने क्षेत्र के शांति समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर लें एवं विवादित बिन्दुओं का समाधान संगोष्ठी में ही हो जाय।

10. शहरी क्षेत्रों में चेम्बर ऑफ काॅमर्स के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से दूरभाष पर सम्पर्क में रहे। व्यवसायियों के प्रतिनिधि के तौर पर वे कार्यरत रहते है और स्थानीय सामाजिक व्यवस्था पर उनकी निगरानी बनी रहती है।

11. सभी थाना प्रभारी को सख्त निर्देश दिया गया है कि छोटी-छोटी घटनाओं/समस्याओं का भी समाधान अविलम्ब विवेकपूर्ण ढंग से करें। पुलिस गाडियों में तोड़-फोड़ करने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई हो। घटित घटनाओं की जानकारी वे वरीय पदाधिकारियों को देते हुए राज्य नियंत्रण कक्ष को भी अविलम्ब दें।

12. लाउडस्पीकर/डी.जे. पर बजाये जाने वाले उतेजक/भड़काउ/अश्लील गाने, भाषण एवं नारे को सख्ती से रोका जाय।

13. लाउडस्पीकर से प्रसारित ध्वनि की तीव्रता को निर्धारित की जाय। विशेषतः रात्रि में लाउडस्पीकर के दुरूपयोग को रोका जाय।

14. संकलित संवेदनशील स्थानों की सूची, उन्मादी/अतिमहत्वाकांक्षी साम्प्रदायिक तत्वों एवं अन्य बिन्दुओं पर दिये गये निर्देशों के आलोक में क्रियाशील होने एवं निगरानी रखने की आवश्यकता है।

15. अति संवेदशील स्थानों पर सी.सी.टी.वी./ड्रोन कैमरा द्वारा निगरानी रखा जाय।

16. सार्वजनिक स्थलों पर व्यक्तियों के द्वारा 06 फीट की दूरी का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।

17. सार्वजनिक स्थलों पर फेश कवर/मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

18. मूर्ति विसर्जन के दौरा जुलूस का आयोजन नही होगा। जिला प्रशासन के द्वारा निर्धारित स्थल में मूर्ति का विसर्जन करना होगा।

19. किसी भी प्रकार का संगीत या मनोरंजन/संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नही होगा। पूजा पंडाल/मंडप का उद्घाटन हेतु किसी प्रकार का समारोह/कार्यक्रम का आयोजन नहीं करना होगा।

20. पूजा पंडाल/मंडप में उपस्थित सभी व्यक्तियों के द्वारा कोविड 19 के प्रोटोकाॅल मास्क का प्रयोग, सेनिटाईजर, सामाजिक दूरी आदि दिशा निदेशों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।

21. आयोजक एवं पूजा में सम्मिलित होनेवाले व्यक्तियों को जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा निदेशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

22. सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं थाना प्रभारी द्वारा उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन अपने प्रशासनिक क्षेत्र में करायेंगे।

23. दण्ड का प्रावधानः- वैसे सभी व्यक्तियों जिनके द्वारा उक्त आदेशों का पालन नहीं किया जाता हैं उनके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं आइपीसी की धारा 188 एवं अन्य संगत कानूनी प्रावधानों के आलोक में कार्रवाई की जायेगी।


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