पाबन्दी के बावजूद खूब बज रहे डी जे


सोसल डिस्टनसिंग की उड़ा रहे धज्जियाँ एवं कानफाड़ू संगीत के शोर से लोगों को कर रहे बीमार

योगेश कुमार पाण्डेय जमुआ संवाददाता    

पाबंदियों को धता बतलाते हुए डी जे संचालक उच्चे डेसिबल में डी जे बजाकर कानफाड़ू संगीत के शोर से ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं।उसके कानफाड़ू शोर से लोग बीमार हो रहे हैं।इतना ही नही जिस जगह शादियां होती हैं वहाँ डी जे सोसल डिस्टनसिंग और सामाजिक वर्जनाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं।डी जे में अमूमन अश्लील गीत बजाए जाते हैं जिसे सुन सभ्य समाज शर्मसार होता है।शादी समारोह में युवा डी जे की धुन पर इकठ्ठे होकर खूब नाचते हैं इससे सोसल डिस्टनसिंग की धज्जियां तो उड़ती ही है और शादी विवाह समारोह में जुटे हर वर्ग एवं हर उम्र के लोगों के बीच डी जे पर बजने वाले अश्लील व द्विअर्थी गीत सामाजिक वर्जनाओं को तार तार करते हैं।कोविड 19 कि प्रोटोकॉल का तहत शादियां बगैर डी जे व शोरगुल के सादगी से सम्पन्न होनी चाहिए।पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग शादी समारोहों में कोरोना के भय से बेखौफ हो सोसल डिस्टनसिंग की धज्जियां उड़ाते हैं और 50 ब्यक्तियो की जगह दो से पांच सौ लोगों को जुटा रहे हैं।स्वास्थ्य एवं चिकित्सा जगत से जुड़े अनुभवी लोगों की माने तो शादी विवाह में डी जे से सोशल डिस्टेंस की जिस कदर अनदेखी हो रही है यह बहुत ही घातक हो सकता है।इनका कहना है कि जो प्रोटोकॉल या मानक तय हैं उसके विरुद्ध कोई भी जाते हैं तो उनपर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए नहीं तो गांवों के हालात बेकाबू होने से कोई रोक नही सकता।


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