बच्चों में कमजोरी होने पर दिखते हैं ये 5 लक्षण, जानें कमजोरी दूर करने के उपाय


Child Weakness
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बच्चे पूरा दिन खेलने-कूदने के बाद भी जल्दी नहीं थकते हैं बल्कि उनमें पूरा दिन उझल-कूद करने की क्षमता होती है लेकिन अगर आपका बच्चा खेलने-कूदने की जगह चुपचाप बैठा रहता है और उदास रहता है, तो हो सकता है कि यह शारीरिक कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। कई बार मांसपेशियों की कमजोरी के कारण बच्चों को चलने और खेलने में भी परेशानी आती है। इसके अलावा इससे बच्चे को अपना काम करने में भी तकलीफ होती है। अगर आपका बच्चा भी हमेशा सुस्त रहता है और अपने निजी काम करने पाने में भी सक्षम नहीं है, तो इसके पीछे मांसपेशियों की कमजोरी या अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती है। आपको इसके कारण और उपायों के बारे में जरूर जानना चाहिए।

बच्चे में कमजोरी के लक्षण

1. पैर में कमजोरी

पोषण की कमी से बच्चों को चलने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा कई बच्चे अच्छे से चलने की उम्र में भी रेंगकर चलते हैं या सीढियों पर बैठकर चलते हैं। साथ ही अगर आपके बच्चे को खड़े होने, दौड़ने और कूदने में परेशानी होती है, तो ये बच्चे में कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। ये कैल्शियम की कमी के संकेत हो सकते हैं।

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2. बांह में कमजोरी

स्कूल जाने बच्चों में भी कई बार लिखने-पढ़ने, खुद से खाने, ड्राइंग करने या कंघी करने में परेशानी हो सकती है। उन्हें बैग उठाने, दरवाजा खोलने और शर्ट के बटन लगाने में भी परेशानी हो सकती है।

3. चेहरे का सूखना

बच्चे में कमजोरी का सबसे पहले लक्षणों में चेहरे का सूखना, होठों फटना, आंखों के नीचे काले घेरे आना और चेहरे पर रैशेज आना जैसी तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा बच्चे को बोलने, निगलने और चूसने में भी परेशानी होती है। कई बच्चों की मुस्कान या चेहरा टेढ़ा होने की परेशानी भी हो सकती है।

4. बुखार और सर्दी-जुकाम

शरीर के कमजोर इम्यून सिस्टम और किसी बीमारी के कारण बच्चे में बार-बीर बीमार पड़ सकते हैं। सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार आना, पेट दर्द और खाना सही ढंग से न पच पाना। ये सभी समस्याएं किसी बीमारी या कमी के संकेत हो सकते है। इसके लिए आपको बच्चे के खानपान और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।

5. हमेशा सिरदर्द और थकान

बच्चे को पढ़ने के दौरान अगर बार-बार सिरदर्द रहता है। थोड़ी भी शारीरिक गतिविधियां करने के बाद अगर बच्चा थक जाता है, तो ये अंदर से अस्वस्थ होने के संकेत हो सकते है। कई बच्चों में मोटापा और आलस भी कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। हृदय गति बढ़ना और सांस लेने में तकलीफ होना भी कमजोरी के लक्षण है।

कमजोरी के कारण

बच्चों के कमजोरी के बहुत से कारण हो सकते हैं। इसके लिए आपको बच्चे की संपूर्ण जांच कराने की अवश्यकता होती है। साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार भी देने की कोशिश करें ताकि पोषण से जुड़ी कमियों को दूर किया जा सके। बच्चों की मांसपेशियों में कमजोरी पोलियो, एक्यूट फ्लेसीड मायलाइटिस, वायरल मायोसिटिस और अन्य बीमारियों के कारण हो सकता है। इन बीमारियों से बच्चे की मांसपेशियों में कमजोरी आती है और उन्हें सामान्य काम करना भी कठिन लगता है। बच्चे का सही विकास न होना, लंबाई न बढ़ना और अंडरवेट होने के भी कई कारण हो सकते हैं। इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और बच्चे की बीमारी को बहाना न समझें।

बच्चे की बीमारी के उपाय

1. सबसे पहले तो अगर आपका बच्चा कमजोरी के लक्षण दिख रहे हैं, तो उसे डॉक्टर के पास लेकर जांच करवाएं।
2. उनके आहार में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने को दें।
3. इसके अलावा अगर आपके परिवार में किसी बीमारी से जुड़ी कोई फैमिली हिस्ट्री है, तो उसके प्रति सतर्क रहें।
4. पेरेंट्स के तौर पर आपको इस बात के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए कि कहीं आपके बच्चे के साथ कोई दुर्व्यवहार तो नहीं हो रहा है। मानसिक परेशानी के कारण भी बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है।
5. बच्चे को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। स्कूल जाने वाले बच्चे का खास ख्याल रखें ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।


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