राजधानी रांची में आम की बहार, जानिए कौन है सबसे खास


फलों के राजा “आम” को हम सभी जानते हैं और पसंद भी करते हैं. यह ऐसा फल ही है जिसके नाम सुनने से ही खाने का मन होने लगता है. बता दें कुछ ही दिनों पहले इसकी कीमत आसमान छू रही थी. क्योंकि इसबार आम की पैदावार बहुत ही कम थी. राजधानी रांची में मुख्य तौर पर आम बिहार, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल से आती है.

यह आम है सबसे खास
कोरोना महामारी के दौरान तालाबंदी की वजह से राजधानी रांची के डेली मार्केट बंद थी. कई दुकानदारों को इससे परेशानी भी हो रही थी क्योंकि उनके आय की स्रोत दुकान से ही थी, परन्तु अब स्थिति सामान्य हो गई है. अभी कई तरह के आम उपलब्ध है जिसमें सबसे खास भागलपुर से आने वाली लंगड़ा आम है इसके भी काफी ज्यादा है. यह आम 80-90 रुपये प्रति किलो बाजार में उपलब्ध हैं.

दुकानदार ने कही ये बात
आम के शुरूआती सीजन में इसकी कीमत काफी ज्यादा रहती है. क्योंकि उस वक़्त लोकल आम बहुत ही कम आती है. साथ ही इसबार आम की पैदावार भी प्रभावित हुई थी. अप्रैल महीने में आंध्र प्रदेश से आने वाली बैगनपल्ली और गुलाबखास आम 100-120 रुपये वहीं मद्रासी आम 150 रुपये प्रति किलो बिक रही थी. बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाली लंगड़ा, हेमसागर, दशहरी व मालदह आम बाजार में उपलब्ध है. फिर भी इसकी कीमतें आसमान छू रही है और बिक्री भी अभी कम हो रही है. अगले महीने में चौसा आम आने की संभावना है.

क्यों है फलों का राजा आम?
Quora की रिपोर्ट्स के अनुसार, आम को अंग्रेजी में Mango के नाम से जाना जाता है जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है. आम एक भारतीय और स्वादिष्ट फल है. आम को ही फलों का राजा कहने की मुख्य वजह आम कई गुणों से भरपूर है, बायोएक्टिव कंपाउंड और फाइबर होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है. आम का पेड़ जितना मात्रा में फल देता उतना कोई दुसरा फल का पेड़ नहीं दे सकता है. इसका पेड़ मात्र 5 वर्ष से फल देने लगता है और लगभग 6 महीना फल देता है, अगर बारह मासी आम लगा लिया जाए तो सालों भर फल मिलेगा.


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